रांची, 27 अक्टूबर, 2025 : इंडिया रिसर्च टूर 2025, जो देशभर में शोध की गुणवत्ता, समावेशिता और नवाचार को बढ़ावा देने की पहल है, अब रांची पहुँच गया है। इस यात्रा के तहत, टीम ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) राँची और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और विद्वानों के साथ मुलाकात और संवाद किया। यह यात्रा 6 अक्टूबर से 13 नवंबर 2025 तक चलेगी और इसमें 7 राज्यों के 15 शहरों के 29 संस्थान शामिल होंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ‘ओपन एक्सेस’ और ‘ओपन साइंस’ को बढ़ावा देना, शोध की ईमानदारी को मजबूत करना, ई-बुक्स के उपयोग को प्रोत्साहित करना, संपादकीय बोर्ड के सदस्यों की भर्ती में सहायता करना और शोध में विविधता व समावेशिता को बढ़ावा देना है।
राँची में हुई चर्चाओं में इस बात पर बल दिया गया कि भारत की नॉलेज इकोनॉमी (ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था) को मजबूत करने के लिए ‘मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च’ (यानी, कई अलग-अलग विषयों को मिलाकर शोध करना) कितना जरूरी है। आईआईएम राँची मैनेजमेंट की पढ़ाई में आगे है, और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च (विभिन्न विषयों को जोड़कर शोध) और सोशल साइंसेज (सामाजिक विज्ञान) में मजबूत है। ये दोनों संस्थान दिखाते हैं कि देश के शोध और नए विचारों को आगे बढ़ाने में झारखंड की भूमिका लगातार बढ़ रही है।
स्प्रिंगर नेचर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकटेश सर्वसिद्धि ने कहा, “राँची भारत के रिसर्च माहौल की विविधता और ऊर्जा का प्रतीक है। आईआईएम राँची और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे संस्थान उन प्रतिभाओं को तैयार कर रहे हैं जो मैनेजमेंट, सामाजिक विज्ञान और विभिन्न विषयों के अध्ययन को जोड़कर वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं। इंडिया रिसर्च टूर के माध्यम से हमारा उद्देश्य झारखंड की बढ़ती भूमिका को उजागर करना और ऐसे सहयोग के अवसर बनाना है, जो राज्य और देश के विकास को आगे बढ़ाएँ।”
स्प्रिंगर नेचर और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इंडिया रिसर्च टूर 2025 का औपचारिक उद्घाटन 6 अक्टूबर को नई दिल्ली में इंडियन काउंसिल फॉर सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) में किया गया। इसके बाद से यह यात्रा उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रमुख संस्थानों जैसे IIT कानपुर, IIM बोधगया और IIT पटना में शोधकर्ताओं के साथ संवाद और सहभागिता करती हुई आगे बढ़ी है।
यह दौरा अब झारखंड में आगे बढ़ेगा और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), जमशेदपुर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT – भारतीय खान विद्यालय), धनबाद के शोधकर्ताओं से मुलाकात करेगा। NIT जमशेदपुर तकनीकी नवाचार और उद्योग से जुड़े शोध का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है, जबकि IIT (ISM) धनबाद खनन, पृथ्वी विज्ञान और सतत संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में झारखंड को वैश्विक पहचान दिला रहा है। ये संस्थान मिलकर दिखाते हैं कि झारखंड कैसे औद्योगिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और राज्य की विकास प्राथमिकताओं के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध क्षमता विकसित कर रहा है।
इन कार्यक्रमों में इस बात पर प्रकाश डाला जाएगा कि झारखंड के संस्थान – प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान, इंजीनियरिंग और खनन प्रौद्योगिकी तक – औद्योगिक विकास से लेकर सतत संसाधन प्रबंधन तक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय चुनौतियों को हल करने में किस प्रकार योगदान दे रहे हैं।
इंडिया रिसर्च टूर 2025 के मुख्य स्तंभ:
ओपन एक्सेस और ONOS: खुली पहुँच और वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन पहल को बढ़ावा देना।
अनुसंधान अखंडता और AI: अनुसंधान नैतिकता को मजबूत करना और प्रकाशन में AI की भूमिका पर विचार।
विविधता और समावेशन: ‘हर रिसर्च, आवर फ्युचर’और ‘रिसर्च एंबेसडर प्रोग्राम’ के माध्यम से शोध में समावेशन को बढ़ावा।
सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन: ज्ञान का लोकतंत्रीकरण करके और पहुँच बढ़ाकर सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन।
इंडिया रिसर्च टूर 2025 सिर्फ एक जागरूकता अभियान नहीं है। इसका मकसद देशभर में ज्ञान तक सभी की पहुँच बढ़ाना और भारत को विकसित राष्ट्र की ओर तेजी से आगे बढ़ाना है।
स्प्रिंगर नेचर के बारे में:
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