Jharkhand cabinet: झारखंड सरकार ने किन्नर (ट्रांसजेंडर) समुदाय को आरक्षण देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को झारखंड कैबिनेट की हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई। राज्य में अब किन्नरों को ओबीसी सूची के तहत आरक्षण मिलेगा। इसके अलावा झारखंड सरकार ने किन्नरों को हर महीने एक हजार रुपये पेंशन राशि भी देने का निर्णय लिया है।
झारखंड कैबिनेट (Jharkhand cabinet) की बैठक में ट्रांसजेंडर समुदाय को ओबीसी सूची में रिक्त स्थान 46वें स्थान पर में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस फैसले के बाद किन्नरों को राज्य में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया। अब उन्हें राज्य में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। राज्य में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। उन्हें प्रति महीने एक हजार रुपये का लाभ पेंशन भी मिलेगा। इसके लिए किन्नर होने का मेडिकल प्रमाण पत्र भी देना होगा।
सहायक पुलिस कर्मियों को मिला अवधि विस्तार
झारखंड सरकार (Jharkhand cabinet) ने सहायक पुलिस कर्मियों के सेवा अवधि विस्तार के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को साईकिल देने के लिए नियमावली में आवश्यक संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके तहत अब छात्र-छात्राओं को साईकिल के लिए डीबीटी के माध्यम से राशि भेज दी जाएगी।
कांची सिंचाई योजना के लिए 63.44 करोड़ की स्वीकृति
झारखंड सरकार (Jharkhand cabinet) ने ईचागढ़ में कांची सिंचाई योजना के तहत पक्कीकरण के लिए 63.44 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी। वहीं नगड़ी में एसबीआई के लिए 10.71 करोड़ की स्वीकृति दी गई। कई विभागों के लिए नियुक्ति नियमावली को भी स्वीकृति दी गई।जबकि राज्य के खनिज क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए गोविंदपुर-निरसा के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन 3.5 करोड़ की स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया।
महाविद्यालयों को पहले से दी जा रही अनुदान राशि में बढ़ोतरी
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में राज्य कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि नैक ग्रेडिंग के आधार पर महाविद्यालयों को पहले से दी जा रही अनुदान राशि में बढ़ोतरी की जाएगी। यह राशि अधिकतम पांच लाख रुपये मासिक थी लेकिन अब ऐसे कालेजों को अधिकतम 15 लाख रुपये मासिक दी जाएगी। तमाम सहायता प्राप्त संस्थानों को पूर्व की तुलना में दोगुना अधिक पैसे मिलेंगे। अभी निर्धारित अनुदान के हिसाब से आधी राशि दी जा रही थी और इस हिसाब से देखें तो चौगुनी राशि मिलने लगेगी।
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