मंत्रालय की पहल
पर्यटन मंत्रालय ने खनन क्षेत्रों को पर्यटन स्थलों से जोड़ने की योजना शुरू की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और खनन क्षेत्रों की औद्योगिक विरासत को आम जनता के सामने लाना है।
किन जिलों में शुरू होगी योजना?
शुरुआती चरण में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला और पूर्वी सिंहभूम जिलों की प्रमुख खदानों को चिन्हित किया गया है। इन क्षेत्रों में यूरेनियम, तांबा, लौह अयस्क और सोना जैसे बहुमूल्य खनिजों की खदानें मौजूद हैं।
उपायुक्तों से रिपोर्ट तलब
मंत्रालय ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि वे चयनित खदानों का निरीक्षण करें और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भेजें।
रिपोर्ट में निम्न बिंदुओं का मूल्यांकन किया जाएगा:
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सुरक्षा मानक
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पहुंच और बुनियादी सुविधाएँ
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पर्यावरणीय पहलू
रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार सिफारिशें तैयार करेगी और केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद योजना को लागू किया जाएगा।
पर्यटन से जुड़ेगा उद्योग
इस पहल के तहत पर्यटकों को खदानों के अंदर जाने और वहां की खनन तकनीक, कार्यप्रणाली और खदान कर्मियों के जीवन को नजदीक से देखने का अवसर मिलेगा।
इससे न केवल स्थानीय रोजगार बढ़ेगा, बल्कि उद्योगों और आम जनता के बीच जुड़ाव भी मजबूत होगा। साथ ही, झारखंड की औद्योगिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।