पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत 7 मार्च तक बढ़ा दी गई है. अब हेमंत सोरेन को 7 मार्च तक जेल में ही रहना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भानु प्रताप की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. 22 फरवरी को हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत की अवधि हुई थी. जिसके बाद एक बार फिर से कोर्ट ने न्यायिक हिरासत की अवधी बढ़ा दी है. हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद हैं.
एक तरफ पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी. वहीं दूसरी तरफ जमीन घोटाले से जुड़े मामले में उनकी न्यायिक अवधि 7 मार्च तक बढ़ा दी गई. 22 फरवरी को न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हेमंत सोरेन और बरगाईं अंचल के निलंबित उपनिरीक्षक भानु प्रताप की पेशी हुई. जिसमें कोर्ट ने हेमंत सोरेन के वकील के दलील को सुनने के बाद 7 मार्च तक उन्हें तीसरी बार न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
एक तरफ पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी. वहीं दूसरी तरफ जमीन घोटाले से जुड़े मामले में उनकी न्यायिक अवधि 7 मार्च तक बढ़ा दी गई. 22 फरवरी को न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हेमंत सोरेन और बरगाईं अंचल के निलंबित उपनिरीक्षक भानु प्रताप की पेशी हुई. जिसमें कोर्ट ने हेमंत सोरेन के वकील के दलील को सुनने के बाद 7 मार्च तक उन्हें तीसरी बार न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.