2024 के लोकसभा चुनावों में गुजरात की सूरत लोकसभा सीट इकलौती ऐसी सीट है कि यहां चुनाव से पहले ही रिजल्ट आ गया. परिस्थिति ही कुछ ऐसी बनी कि चुनाव कराने की जरूरत ही नहीं पड़ी और बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया. गुजरात के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. इस सीट पर मुख्य बीजेपी के मुकेश दलाल समेत कुल 11 उम्मीदवार मैदान में थे. इन सभी उम्मीदवारों ने नामांकन भी किया, लेकिन पर्चा वापसी के दिन नौ उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए. वहीं कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन तकनीकी आधार पर खारिज हो गए.
ऐसे हालात में चुनाव के मैदान में बीजेपी के उम्मीदवार अकेले बच गए और उन्हें वोटिंग से पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित करना पड़ा. साल 2019 के चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. उस समय बीजेपी के टिकट पर निर्वतमान सांसद दर्शन विक्रम जरदोश मैदान में थीं और उन्हें 7 लाख 95 हजार 651 वोट मिले थे. वहीं उनके प्रतिद्वंदी और कांग्रेस के उम्मीदवार अशोक पटेल को केवल 2 लाख 47 हजार वोट मिले थे. वह करीब साढ़े पांच लाख वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे. कुछ यही स्थिति साल 2014 के चुनावों में भी देखने को मिली थी.
2009 में सूरत सीट पर हारी थी बीजेपी
उस समय भी बीजेपी की उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद दर्शन विक्रम जरदोश ने 7 लाख 18 हजार वोट पाकर कांग्रेस पार्टी के नैषध भूपतभाई देसाई को 5 लाख 33 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया था. इस चुनाव में नैषध भूपतभाई देसाई को कुल 1 लाख 85 हजार वोट मिले थे. बीजेपी के टिकट पर दर्शन विक्रम जरदोश पहली बार साल 2009 में चुनाव लड़ी थीं. उस समय उन्हें कांग्रेस पार्टी के धीरूभाई हरिभाई गजेरा ने कड़ी टक्कर दी. हालांकि वह 74 हजार 700 वोटों से चुनाव हार गए थे. उस चुनाव में जरदोश को कुल 3 लाख 64 हजार 947 वोट मिले थे. वहीं धीरूभाई हरिभाई गजेरा को महज 2 लाख 90 हजार 149 वोट मिले.
तापी नदी के किनारे बसे सूरत शहर की पहचान कपड़ा उद्योग और डायमंड कटिंग के काम से है. इसीलिए इस शहर को डायमंड सिटी और सिल्क सिटी के नाम से भी जाना और पहचाना जाता है.यहां खासतौर पर जरीदार कपड़ा, रेशमी, सूती और सोने चांदी के आभूषणों पर कारीगरी का काम होता है. पाटीदार वोटर्स के वर्चस्व वाले इस लोकसभा क्षेत्र में ओलपाड, सूरत पूर्व, उत्तर, वराछा रोड, करंज, कर्तार्गम और सूरत पश्चिम विधानसभा सीटें आती है, इन सभी सीटों पर इस समय बीजेपी का कब्जा है.
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