हजारीबाग शहर के मेन रोड स्थित डेली मार्केट में मंगलवार को रात दो से ढाई बजे के बीच अचानक भीषण आग लग गई। इससे एक-एक कर 29 दुकान चपेट में आ गईं। दुकान में रखे सभी सामान जलकर स्वाहा हो गये। आगजनी की इस घटना में सबसे आलू प्याज और सब्जी की दुकान प्रभावित हुई है। अन्य दुकान भी चपेट में आए हैं। दुकानों में रखा लगभग 50 लाख रुपए के सामान के जल जाने की आशंका है। जो दुकानदार आगजनी की घटना से प्रभावित हुए हैं। उसमें मो सिराज, मो. फारुख, राजू नारायण, संतोष साव, शंभू प्रसाद, रिंकू बर्मा, बंगाली महतो, अशोक साव, गोवर्धन महतो आदि शामिल हैं।
दुकानदारों का कहना था कि आगजनी की इस घटना में वह बर्बाद हो गए हैं। बरसों की कमाई और पूंजी उनकी जलकर राख हो गई है। वह फिर से कैसे दुकान को खड़ा कर पाएंगे। यह समझ से परे है।
आगजनी की घटना कैसे हुई। इस पर कोई भी दुकानदार कुछ भी नहीं बता पाए। सदर थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि आगजनी के समय अंधेरा छाया था। डेली मार्केट में सभी दुकानें बंद थी। आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है। डेली मार्केट से सबसे पहले सदर थाना के ओडी पदाधिकारी को सूचना मिली। उन्होंने फायर ब्रिगेड विभाग को सूचना दी। फिर थाना से पिछे डेली मार्केट में आग की धुआं और ऊंची ऊंची लपटों को उठते देखा। इसके बाद वह घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
डेली मार्केट जिस तरह 500 से अधिक एक दूसरे से सटे दुकानें है। वहा किसी बड़े अनिष्ट की आशंका जताते सदर वरीय पदाधिकारियों को भी सूचना दी। जब तक फायर ब्रिगेड के दमकल पहुंचे। देखते-देखते आग भीषण रूप ले चुका था। डेली मार्केट के संकीर्ण गलियों के कारण दमकल गाड़ी प्रवेश नहीं कर पा रही थी। दमकलकर्मियों ने नोजल पाइप जोड़कर आग बुझाने का काम शुरू किया। तीन से चार घंटे कड़े मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग को बुझाने में तीन दमकल वाहनों का प्रयोग करना पड़ा। घटना की जानकारी आग की तरह सोशल मीडिया के माध्यम से दुकानदारों तक पहुंचने लगी। आसपास के लोग और दुकानदार घटनास्थल पर भागे-भागे आए फिर आसपास के लोगों ने भी सहयोग किया।
डेली मार्केट दुकानदार यूनियन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल और ठिकेदार विनोद सिंह ने मार्केट की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके लिए नगर निगम जिम्मेवार है। नगर निगम सालाना तीन करोड रुपए राजस्व वसूली करती है। इसके अलावा प्रति दुकानदारों से रेंट और होल्डिंग टैक्स भी लिया जाता है। लेकिन साफ सफाई सुरक्षा और सुविधा के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं है। यहां तक की शौचालय की समस्या बनी हुई है। बाजार में प्रवेश द्वार और निकासी द्वार तक ठीक नहीं है।
सुरक्षा के नाम पर पहरेदार भी नहीं रखा जाता है। रात में सामाजिक तत्व प्रवेश कर जाते हैं। बीड़ी सिगरेट गांजा और नशा पान करते हैं। इस मार्केट में आजजनी की आठवी घटना है। आगजनी की इस घटना के बाद सुरक्षा को लेकर दुकानदारों में भी आक्रोश हैं। दुकानदारों में इस बात का भी आक्रोश है कि आगजनिक के बाद मुआवजा राशि नहीं दिया जाता है।

