रांची। झारखंड में इस बार मॉनसून की रफ्तार अब कमजोर पड़ चुकी है। पिछले 24 घंटे में राज्य के कुछ हिस्सों में केवल हल्की-फुल्की बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा वर्षा धनबाद के पंचेत डीवीसी में 13.8 मिलीमीटर दर्ज की गई। वहीं, कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया, लेकिन उसका खास असर देखने को नहीं मिला।
बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया लो प्रेशर
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 2 सितंबर को बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के इलाकों में नया लो प्रेशर एरिया (निम्न दबाव का क्षेत्र) बनने जा रहा है। इसके असर से झारखंड के कई जिलों में गर्जन, तेज हवाएं और वज्रपात होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसके लिए अलर्ट जारी किया है।
विशेषकर खेत-खलिहान में काम करने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। कहीं-कहीं 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। वहीं, गरज-चमक और बिजली गिरने का खतरा भी बना रहेगा।
अगस्त में सामान्य से कम बरसा पानी
आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त महीने में झारखंड में सामान्य से 13% कम बारिश हुई है। 1 अगस्त से 31 अगस्त के बीच राज्य में औसतन 290.6 मिमी वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार केवल 251.5 मिमी बारिश हुई।
देवघर, गढ़वा, गोड्डा और पाकुड़ जैसे जिलों में वर्षा सामान्य से काफी कम दर्ज की गई है। बारिश की कमी का असर धान और खरीफ फसल पर भी पड़ने की संभावना है।