Ranchi : वर्ष 2009 में आम लोगों पर पुलिस के अत्याचार के खिलाफ गोड्डा के पोड़ैयाहाट में सड़क जाम से संबंधित एक मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित मामले की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को हुई. मामले में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की अदालत ने प्रार्थी निशिकांत दुबे की याचिका स्वीकृत करते हुए गोड्डा की निचली अदालत के द्वारा सांसद निशिकांत के डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज किये जाने के आदेश को रद्द कर दिया. निचली अदालत के डिस्चार्ज पिटीशन खारिज किये जाने के आदेश को हाइकोर्ट द्वारा रद्द किये जाने के बाद अब सांसद निशिकांत इस मामले में आरोप मुक्त हो गये हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रार्थी के ऊपर आपराधिक मामला नहीं बनता है, विरोध प्रदर्शन करने का उनका मौलिक अधिकार है.
प्रार्थी निशिकांत दुबे ने गोड्डा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत द्वारा उनके डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज करने को हाइकोर्ट में चुनौती दी है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव एवं पार्थ जालान ने पैरवी की. गोड्डा के पोड़ैयाहाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निकट सड़क जाम हुआ था, इस दौरान पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन को भी जाने नहीं दिया गया था. बाद में निशिकांत दुबे के अनुरोध पर रात 11:45 बजे सड़क जाम हटाया गया था. गोड्डा की निचली अदालत ने इस मामले को लेकर 18 जून 2013 को संज्ञान लिया था. मामले को लेकर पोड़ैयाहाट थाने में कांड संख्या 162/ 2009 दर्ज की गयी थी. निशिकांत दुबे पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है.