Ranchi: झारखंड सरकार ने राज्य के सभी नगर निकायों में परिसीमन (Delimitation) और आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के गठन से संबंधित नए नियम जारी कर दिए हैं. यह अधिसूचना “झारखंड नगरपालिका निर्माण एवं चुनाव संचालन नियमावली, 2012″ में संशोधन के रूप में जारी की गई है.
नई व्यवस्था के तहत अब नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के वार्डों का गठन जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा. नगर निगम ख व क के अनुरूप गठन होगा, शेष निकायों में भी जनसंख्या के अनुसार वार्ड का गठन व ओबीसी का आरक्षण तय होगा. इसके पहले एससी-एसटी का आरक्षण तय होगा.
आबादी के अनुसार वार्डों का गठन
• नगर निगम वर्ग-ख (जनसंख्या 1,50,000 से 10,00,000 के बीच):
पहले 5 लाख की जनसंख्या पर न्यूनतम 35 वार्ड, इसके बाद प्रत्येक 50,000 की अतिरिक्त जनसंख्या पर एक अतिरिक्त वार्ड बनाया जाएगा।
• नगर निगम वर्ग-क (जनसंख्या 10 लाख या उससे अधिक):
नियम समान रहेंगे – 1.5 लाख पर 35 वार्ड और हर 50,000 की जनसंख्या वृद्धि पर 1 अतिरिक्त वार्ड.
वार्ड विभाजन के दौरान प्राकृतिक व कृत्रिम सीमाओं तथा वस्तु-स्थलों का ध्यान रखा जाएगा. जनसंख्या में समानता बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा, हालांकि 5 प्रतिशत तक की कमी या वृद्धि स्वीकार्य होगी.
विभक्त किए गये वार्डो की संख्या कुल जनसंख्या के आधार पर निर्धारित की जायेगी, अर्थात प्रत्येक 50000 की जनसंख्या वृद्धि सभी वार्डो में समान रूप से विभक्त होगी, यथा 150000 की जनसंख्या के पश्चात कुल जनसंख्या में 50000 की वृद्धि के फलस्वरूप कुल जनसंख्या 150000 प्लस 50000 कुल दो लाख होने पर उक्त नगर निगम क्षेत्र में एक अतिरिक्त 35 प्लस 1 36 वार्ड का गठन होगा तथा इसके बाद प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या 2000000 प्लस 36 कुल 6944 होनी चाहिए.
वार्डो की प्राकृतिक, कृत्रीम चिन्हों, वस्तु-स्थलों के आलोक में विभक्त करने के क्रम में यथा संभव कंडिका एक एवं दो के अनुसार जनसंख्या की समरूपता बनाये रखने का प्रयास किया जाना चाहिए, लेकिन अगर ऐसा संभव न हो तो 5 प्रतिशत की वृद्धि या कमी अनुमान्य होगा.
नगर निगम वर्ग-क, जहां जनसंख्या दस लाख एवं उससे अधिक हो – प्रथम 150000 की जनसंख्या पर वार्डो की न्यूनतम संख्या-35 होगी. इसके पश्चात प्रत्येक 50000 की जनसंख्या पर एक अतिरिक्त प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र वार्ड का गठन होगा.

