झारखंड (Jharkhand) में 1 सितंबर से नई उत्पाद नीति लागू हो गई है। इस बदलाव के साथ राज्य में शराब बिक्री प्रणाली पूरी तरह से नए ढांचे में संचालित होगी। अब खुदरा शराब दुकानों का संचालन निजी हाथों में होगा। राज्यभर में कुल 1343 शराब दुकानें खुलेंगी, जिनमें 1184 कंपोजिट (विदेशी व देशी संयुक्त दुकानें) और 159 देशी शराब की दुकानें शामिल हैं।
रांची में सबसे ज्यादा दुकानें
राजधानी रांची में सबसे अधिक 150 शराब दुकानें खोली गई हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार, पुरानी दुकानों को पहले से ही 3 दिन के लिए शराब उपलब्ध करा दी गई है। वहीं नई दुकानों के संचालक आज दोपहर 12 बजे के बाद डिपो से शराब उठा सकेंगे। पहले राज्य में सिर्फ 8 डिपो थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 21 कर दी गई है, ताकि आपूर्ति सुचारु रूप से हो सके।
शराब की कीमतों में बड़ा बदलाव
नई उत्पाद नीति के साथ ही शराब की कीमतों में भी बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
- देश में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) की कीमतों में 300 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है।
- विदेश में निर्मित विदेशी शराब (Imported) की कीमतों में 6000 रुपये तक की कमी की गई है।
- देसी शराब और बीयर की कीमतें 20 रुपये महंगी हो गई हैं।
सरकार का दावा और असर
सरकार का मानना है कि इस नई व्यवस्था से राज्य को राजस्व वृद्धि का लाभ मिलेगा और अवैध शराब बिक्री पर रोक लगेगी। वहीं, उपभोक्ताओं के लिए तय दुकानों से फिक्स रेट पर शराब उपलब्ध होगी। हालांकि, कीमतों में आए बदलाव को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं।
👉 कुल मिलाकर, झारखंड में 1 सितंबर से लागू हुई यह नई उत्पाद नीति राज्य के राजस्व, बाजार और उपभोक्ताओं पर बड़ा असर डालने वाली साबित हो सकती है।