अयोध्या के राम मंदिर में आज राम नवमी के मौके पर एक खास नजारा देखने को मिला। दोपहर 12 बजे भगवान रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक हुआ। सूर्य तिलक के इस अद्भुत क्षण को देखने देशभर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।
विशेष सुरक्षा व्यवस्था
इस खास मौके पर अयोध्या में भीड़ का अंदाजा पहले ही 20 से 30 लाख तक लगाया गया था। प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी।
यहां देखें रामलला का सूर्य तिलक
राम पथ पर साफ-सफाई के लिए मैट बिछाए गए, पीने के पानी और ORS की व्यवस्था की गई, और धूप से बचने के लिए तंबू लगाए गए। सुरक्षा के मद्देनजर, अर्धसैनिक बल, PAC, सिविल पुलिस, NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने भी क्षेत्र में 14 अस्थायी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं और सात स्थानों पर 108 एंबुलेंस तैनात की हैं। जो लोग अयोध्या नहीं आ सके, उन्होंने टीवी पर ही इस खास मौके को देखा। दूरदर्शन ने राम जन्मभूमि और रामकथा पार्क से इसका सीधा प्रसारण किया।
सूर्य तिलक के पीछे विज्ञान का हाथ?
सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने एक उन्नत ऑप्टो-मैकेनिकल प्रणाली विकसित की है। इस प्रणाली में चार दर्पण और चार लेंस का उपयोग किया गया है, जो सूर्य की किरणों को मंदिर की तीसरी मंजिल से गर्भगृह तक पहुंचाते हैं।
यह प्रणाली इतनी सटीक है कि हर वर्ष राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे, सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर तिलक करती हैं। यह आयोजन भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ भारतीय वैज्ञानिक कौशल का प्रतीक भी है।
राम नवमी का यह आयोजन अब सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि तकनीक और भावनाओं का भी हिस्सा बन गया है। आने वाले सालों में भी अयोध्या में हर राम नवमी पर यह खास ‘सूर्य तिलक’ देखा जा सकेगा।