झारखंड के धनबाद जिले में झरिया फायर एरिया अंतर्गत केंदुआडीह इलाके में जहरीली गैस रिसाव की गंभीर घटना सामने आई है। केंदुआडीह कोलियरी के पास स्थित राजपूत बस्ती और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रहे टॉक्सिक गैस उत्सर्जन की चपेट में आकर अब तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार सुबह झारखंड के मुख्य सचिव अविनाश कुमार और राज्य के डीजीपी तदाशा मिश्रा केंदुआडीह पहुंचे। उन्होंने प्रभावित इलाकों का दौरा किया, स्थानीय लोगों से संवाद किया और मौके पर मौजूद प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से पूरी स्थिति की जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) के अधिकारियों के साथ बैठक कर गैस रिसाव, भूमिगत आग और भू-धंसान की समस्या पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रभावित लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और राहत व बचाव कार्यों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्थानीय लोगों में दहशत, कई परिवारों का पलायन
जहरीली गैस के कारण इलाके में दहशत का माहौल है। कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गैस रिसाव के चलते न सिर्फ स्वास्थ्य पर असर पड़ा है, बल्कि रोज़गार और सामान्य जीवन भी पूरी तरह ठप हो गया है।
धनबाद विधायक राज सिन्हा ने भी मुख्य सचिव को इलाके की भयावह स्थिति से अवगत कराते हुए स्थायी समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक आग और गैस रिसाव पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जाता, तब तक खतरा बना रहेगा।
स्थायी पुनर्वास की मांग
प्रभावित लोगों ने प्रशासन से सुरक्षित आवास, स्थायी पुनर्वास और आजीविका के वैकल्पिक साधनों की मांग की है। प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य शिविर, अस्थायी राहत व्यवस्था और निगरानी बढ़ाने की बात कही गई है।
मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि सरकार तात्कालिक राहत के साथ-साथ दीर्घकालिक समाधान पर भी काम करेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

