नई दिल्ली : झारखंड कैडर के 1985 बैच के IAS अधिकारी अमित खरे को PM नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। अमित खरे केंद्रीय शिक्षा सचिव के पद से 30 सितंबर को ही रिटायर हुए थे। 12 दिन बाद ही उन्हें नई जिम्मेदारी दी गई है। झारखंड में पोस्टिंग के दौरान उनकी छवि एक सख्त और ईमानदार अफसर की रही है।
अमित खरे की बड़ी कामयाबी में चारा घोटाले का खुलासा शामिल है। सरकारी राशि के बंदरबांट से जुड़े इस मामले को सबसे पहले उन्होंने चाईबासा के जिला अधिकारी रहते पकड़ा था। 1996 में उन्होंने इस मामले में पहला केस दर्ज करने का ऑर्डर दिया था।
चाईबासा (झारखंड) में फर्जी निकासी का भंडाफोड़ होने के बाद बिहार पुलिस (उन दिनों झारखंड, बिहार का हिस्सा था) गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदगा के कोषागारों से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपए की अवैध निकासी के मामले दर्ज किए गए। तब बिहार के CM रहे RJD सुप्रीमो लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा को इसी मामले में जेल की हवा खानी पड़ी थी।
मेधा घोटाले को उजागर किया, डायन हत्या रोकने की पहल की
झारखंड में डायन हत्या की प्रथा को रोकने की दिशा में पहल करने वालों में भी पहला नाम अमित खरे का ही आता है। चाईबासा के उपायुक्त रहते हुए इन्होंने डायन हत्या के खिलाफ सामाजिक जागरुकता अभियान चलाया। इससे राष्ट्रीय स्तर पर डायन हत्या के खिलाफ विमर्श शुरू हुआ। पटना, दरभंगा के जिलाधिकारी रहे और बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा कंबाइंड करा कर मेधा घोटाला को रोका।
इनकी अगुआई में 34 साल बाद देश में NEP लागू हुई
खरे के नेतृत्व में करीब 34 सालों के बाद भारत में नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू किया गया। अपने कार्यकाल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई क्रांतिकारी बदलाव किए। IIT, IIM जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर दिया। तकनीकी संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा दिया।
डिजिटल मीडिया पॉलिसी भी तैयार की
अमित खरे अगस्त 2021 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव के अतिरिक्त प्रभार में भी रहे। अपने कार्यकाल में DD झारखंड सहित एक दर्जन सैटेलाइट चैनल लांच किया। वहीं, डिजिटल मीडिया पॉलिसी सहित प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मजबूती के लिए कई कदम उठाए। ओटीटी प्लेटफार्म को लेकर पालिसी को अंतिम रूप दिया। अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा को वैश्विक पहचान दिलाई।
अमति खरे झारखंड के पहले वाणिज्य कर आयुक्त बने
अमित खरे को बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद पहला वाणिज्यकर आयुक्त बनाया गया था। उन्होंने राज्य में शिक्षा, वित्त और राज्यपाल के प्रधान सचिव से लेकर विकास आयुक्त का पद भी संभाला। अमित खरे की पत्नी निधि खरे भी IAS हैं। वह भी झारखंड कैडर की अधिकारी हैं। फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर हैं।