लातेहार: अंधविश्वास के मकड़ जाल में जकड़े लोगों ने एक वृद्ध दंपति को जीने नहीं दिया। डायन करार देकर उन्हें मौत के घाट उतार डाला। कुल्हाड़ी से काटकर दोनों की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी। बीते 17 जुलाई को लातेहार के बरवाडीह थाना क्षेत्र के आमडीहा गांव में वृद्ध दंपति कृत सिंह और तुलसीमनी देवी को मौत के घाट उतार दिया गया था। मामले को लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने गंभीरता से लिया। उनके निर्देश पर SIT का गठन किया गया। मामले का खुलासा करते हुए आज DSP कैलाश करमाली ने मीडिया को बताया कि डायन करार देकर वृद्ध दंपति को हत्या की गई थी। उसी गांव के निरंजन सिंह, चंदन सिंह और गोपाल सिंह के घर के लोग अक्सर बीमार रहा करते थे। कुछ दिन पहले निरंजन की पत्नी का मिसकैरिज भी हो गया। यह सब देख निरंजन कुछ लोगों के साथ बारीचट्टान गांव के ओझा सुरेश सिंह के पास गया। ओझा सुरेश ने तंत्र मंत्र के बाद कहा कि कृत सिंह और उसकी पत्नी तुलसीमनी देवी ही तुम्हारे परिवार को कुछ “कर” रहे है। जब तक वह जिंदा रहेंगे, तब तक यह सब चलता रहेगा।
ओझा द्वारा वृद्ध दंपति को डायन करार देने के बाद गोपाल सिंह, चंदन सिंह और निरंजन सिंह ने खतरनाक इरादा बना लिया। उन्होंने दंपति को खत्म कर देने की ठान लिया। निरंजन सिंह, उमेश सिंह और जगरनाथ सिंह ने मिलकर 17 जुलाई की रात वृद्ध दंपती के घर जाकर उन्हें कुल्हाड़ी से काट मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने मामले में ओझा सुरेश सिंह, चंदन सिंह, गोपाल सिंह और निरंजन सिंह को गिरफ्तार किया है। वहीं उमेश सिंह और जगरनाथ सिंह की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
इस कांड के खुलासे में SDPO दीलू लोहरा, पुलिस इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार, थानेदार श्रीनिवास कुमार सिंह, हेरहंज थानेदार शुभम कुमार, सब इंस्पेक्टर लालेश्वर पासवान समेत अन्य पुलिसकर्मियों की सराहनीय भूमिका रही। वहीं पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि डायन बिसाही और ओझागुनी के मामलों से बचे। अंधविश्वास के चक्कर में अपना जीवन बर्बाद न करें।