झारखंड के पूर्व DGP अनुराग गुप्ता के खिलाफ डोरंडा थाना में शिकायत दर्ज कराई गई है। झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने थाने में आवेदन देकर जीरो एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में पूर्व डीजीपी पर संगठित अपराध, अवैध उगाही और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
संगठित गिरोह चलाने और उगाही का आरोप
राजीव कुमार का आरोप है कि अनुराग गुप्ता ने कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा और अन्य लोगों के साथ मिलकर “कोयलांचल शांति समिति” नाम का एक गिरोह बनाया। दावा है कि डीजीपी रहते हुए भी वह इस संगठन को परोक्ष रूप से चलाते थे और कोयला कारोबारी, ठेकेदार, डॉक्टर और अन्य कारोबारियों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली करते थे।
हथियार आपूर्ति और फर्जी मुठभेड़ का दावा
शिकायत में कहा गया है कि नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा किया था कि इस गिरोह को पाकिस्तान से हथियार मिलते थे। यह भी आरोप लगाया गया है कि अनुराग गुप्ता ने जेल में बंद अपराधी अमन साहू को फर्जी मुठभेड़ में मरवाने की कोशिश की थी। शिकायतकर्ता ने इसे राज्य और देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है।
पद का दुरुपयोग और झूठे केस दर्ज कराने का आरोप
राजीव कुमार ने यह भी दावा किया कि एसीबी और सीआईडी प्रमुख रहते हुए अनुराग गुप्ता ने अपने पसंदीदा पुलिस अधिकारियों की मदद से विरोधियों पर फर्जी एफआईआर दर्ज करवाईं। साथ ही कई सरकारी अफसरों और इंजीनियरों से नोटिस जारी कर अवैध वसूली करने का भी आरोप लगाया गया है। शिकायत में कुछ पुलिसकर्मियों को भी इस कथित गड़बड़ी में शामिल बताया गया है।
जांच और FIR दर्ज करने की मांग
अधिवक्ता राजीव कुमार ने पुलिस से मांग की है कि पूर्व डीजीपी गुप्ता और उनके सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की विस्तृत जांच कर संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम झारखंड और देश की सुरक्षा के हित में बेहद जरूरी है।

