कोडरमा: कोर्ट ने हिंदू नाबालिग का अपहरण कर धर्म परिवर्तन कर जबरन निकाह और दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 14 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
नाबालिग के पिता ने आरोप लगाया था कि पड़ोस के एक दुकान में काम करने वाला रिंकू अंसारी ने जबरन अपहरण कर ले गया। नाबालिक को एक मारुति कार के द्वारा जबरन अपहरण कर ले जाने के उक्त मामले में पूर्व में ही चालक को सजा सुना दी गई है। मुख्य आरोपी रिंकू अंसारी फरार चल रहा था। पुलिस की दबिश एवं कुर्की जब्ती का नोटिस चिपकाया जाने के बाद आरोपी नाबालिग के साथ सरेंडर किया था।
कोर्ट में दिए बयान में नाबालिग ने बताया उसके पिता घर नहीं पहुंचे थे उसी वक्त वह घर से बाहर पिता को देखने के लिए निकली थी । इसी दौरान रिंकू अंसारी ने जबरन कार में बिठा लिया और वहां से धनबाद ( कतरास ) लेकर चला गया उसके बाद वहां से झालदा फिर दिल्ली ले गया। गलत दस्तावेज के आधार पर प्रमाण पत्र बनाए फिर इसी आधार पर आधार कार्ड। इसके बाद उसका नाम बदला गया औऱ रिंकू अंसारी ने निकाह कर लिया, लगभग 10 माह तक दिल्ली में उसे रखा। इस दौरान वह नाबालिग का शोषण करता रहा, उसे घर में बंद कर बाहर जाता था और किसी से शिकायत करने पर परिवार वालों की हत्या करने की धमकी भी देता था। पिता की शिकायत के बाद जब पुलिस ने संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए तो वह नाबालिग बच्ची के साथ रिंकू अंसारी ने सरेंडर कर दिया था।