लातेहार जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र में एक आदिवासी युवक को चप्पल-जूता का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाए जाने के मामले में एसपी अंजनी अंजन के निर्देश पर हेरहंज थाना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मंगलवार को ग्राम प्रधान, उसके पुत्र समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ग्रामीणों ने सोमवार को बताया कि रविवार को दिन के 12 बजे से 2 बजे तक केड़ू स्थित विद्यालय परिसर में 30 से 35 की संख्या में ग्रामीण पहुंचकर गांव के भिखारी गंझू को बुलाया और समाज की बात को नहीं मानने के आरोप को स्वीकार करने की बात कहने लगे। पीड़ित ने स्वीकार भी किया। दंड स्वरूप जूता चप्पल का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाने का फैसला ग्राम प्रधान नासिर अंसारी के द्वारा सुनाया गया। जिसके बाद गांव वालों ने भिखारी को जूता चप्पल का माला पहनाकर घुमाया। इस घटना को जानकारी प्रशासन को भी नहीं थी।
पूरा मामला
चार-पांच माह पूर्व भिखारी गंझू के घर के पास गांव के कुछ लोग खस्सी-भात बनाकर खाने आए थे। इसी बीच कुछ लोग उसके घर के आंगन में लगे चापाकल में खस्सी को काटकर धोने लगे। उसकी पत्नी सकुंती देवी ने विरोध जताया। इस पर हल्ला हंगामा करने लगे। इसी बीच ग्राम प्रधान का बेटा बाबर अंसारी आया और गाली गलौज करने लगा। गांव के ग्रामीणों को उनके खिलाफ भड़काने लगा। समाज और गांव से बाहर निकालने की धमकी दी। जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय भिखारी गंझू घर पर नहीं था। उसी समय से भिखारी गंझू व उसके परिवार को समाज और गांव के लोगों से दरकिनार कर दिया गया था।
भुक्तभोगी ने बताया कि रविवार को स्कूल में बैठक हुई। जिसमे ग्राम प्रधान और उसके बेटे समेत कई ग्रामीण मौजूद थे। ग्रामीणों ने समाज और गांव के साथ रहने के लिए गलती स्वीकारने और दंड देने की बात कही। इसी बीच एकतरफा फैसला लेते हुए अभद्र व्यवहार कर मुझे जूता का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया।