अबू धाबी के हवाई अड्डे पर सोमवार (17 जनवरी, 2022) को तीन तेल के टैंकरों में आग लग गई। पहले इसे मामूली आग बताया गया परंतु शुरुआती रिपोर्ट्स बता रही हैं कि इन तीनों तेल के टैंकरों को ड्रोन हमले में निशाना बनाया गया है।
सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के आबू धाबी स्थित मुख्य हवाई अड्डे से एक आग लगने की घटना सामने आई। यहाँ आबू धाबी की सरकार के अंतर्गत आने वाले तेल कंपनी एडीएनओसी के तीन पेट्रोल के टैंकरों में आग लगने की सूचना मिली और शुरुआत में यह कहा गया कि यह एक सामान्य आग लगने की घटना है।
परन्तु प्रारम्भिक जाँच से यह हादसा एक आतंकवादी घटना की ओर रुख कर रहा है। अबू धाबी पुलिस ने कुछ विशेष जानकारी नहीं दी है, उन्होंने केवल इतना बताया कि प्रारंभिक जाँच में कुछ उड़ती हुई वस्तुओं के क्षेत्र में गिरने के साक्ष्य मिले हैं और यह ड्रोन हो सकते हैं।
इन्हीं ड्रोन हमलों के कारण विस्फोट हुआ और तेल के टैंकरों में आग लग गई। हमले में अब तक 2 हिन्दुस्तानियों समेत कुल 3 लोगों की जान जाने का समाचार आया है, करीब 6 अन्य लोग घायल भी बताए जा रहे हैं।
घटना के कुछ समय बाद ही इस मामले में यमन के हूती विद्रोहियों का एक दावा सामने आया और उन्होंने हवाई अड्डे पर हुए इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। हूती के सैन्य प्रवक्ता याहिया सरेई ने केवल इतना बताया कि उन्होंने अमीराती देशों में अंदर तक हमला किया है।
भारत-इज़राइल के लिए भी खतरा
बता दें कि UAE और यमन के बीच वर्ष 2015 से भीषण संघर्ष चल रहा है। संघर्ष में सऊदी और कई खाड़ी देशों ने भी मिलकर हूतियों पर कई हमले किए हैं। हूती समूह के लोग सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों का सीधे तौर पर मुकाबला तो नहीं कर पाते परंतु अब उन्होंने इन पर ड्रोन हमले प्रारंभ कर दिए हैं।
पूरे मामले को लेकर कई भारतीय सैन्य अधिकारियों ने भी टिप्पणी कीं जिसमें विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी ने आतंकियों के हाथों में ड्रोन जैसे हथियार जाने को एक गंभीर समस्या बताया है।
इस घटना को लेकर कर्नल रोहित देव सिंह ने भी कहा कि जो समुदाय अमीराती देशों पर हमले कर रहा है वही भारत, इजराइल और अमेरिका के लिए भी खतरा है।