कोरोनावायरस का नया रूप (म्यूटेशन) सामने आने के बाद भारत ने UK से या वहां से होकर आने वाले लोगों के लिए स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी कर दिया है। इसके लिए आज रात 12 बजे तक UK से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट कराना होगा। अगर उनमें कोरोना का नया रूप पाया गया तो सेपरेट आइसोलेशन में रहना होगा।
सरकार ने सोमवार को UK से आने वाली फ्लाइट्स पर 23 से 31 दिसंबर तक रोक लगा दी थी। यह रोक 22 दिसंबर रात 11.59 बजे से 31 दिसंबर रात 11.59 बजे तक रहेगी।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इनका पालन करना होगा
- राज्य सरकारों को भी यह ध्यान रखना होगा कि अगर उनके यहां UK से कोई व्यक्ति लैंड कर रहा है तो उसका उतरते ही RT-PCR टेस्ट कराया जाए। अगर व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसका जीन बेस्ड RT-PCR कराया जाए।
- पॉजिटिव आने पर पैसेंजर को इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन फैसिलिटी में रहना होगा। इसमें राज्य की हेल्थ अथॉरिटी को नजर रखनी होगी। इनके सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी या फिर किसी उपयुक्त लैब में भेजने होंगे।
- अगर टेस्ट में मौजूदा वायरस (SARS-CoV-2) ही पाया जाता है तो सामान्य प्रोटोकॉल मसलन होम आइसोलेशन ही लागू होगा। अगर टेस्टिंग में नया स्ट्रेन मिलता है तो सेपरेट आइसोलेशन जारी रहेगा। ट्रीटमेंट भी इसी प्रोटोकॉल के आधार पर होगा।
- पॉजिटिव मरीज का 14वें दिन मरीज का सैंपल लिया जाएगा। इस टेस्ट में भी पॉजिटिव आने पर आगे का सैंपल तब तक लिया जाएगा, जब तक उसके दो लगातार लिए गए सैम्पल (24 घंटे के इंटरवल में) की रिपोर्ट निगेटिव न हो।
- एयरपोर्ट पर निगेटिव पाए गए पैसेंजर्स को होम क्वारैंटाइन रहने की एडवाइज दी जाती है। एयरलाइन को यह सुनिश्चित करना होगा कि चेक-इन से पहले पैसेंजर्स को इस SOP के बारे में जानकारी दी जाए। RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रहे पैसेंजर्स के लिए आइसोलेशन समेत सभी सुविधाएं एयरपोर्ट पर ही मुहैया कराई जाएंगी।
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BOI) के लिए SOPs
- पिछले 4 हफ्ते (25 नवंबर से 23 दिसंबर) में देश के अलग-अलग एयरपोर्ट पर UK की फ्लाइट से आए पैसेंजर्स के बारे में BOI संबंधित राज्य सरकार या इंटिग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (ISSP) को सूचित करेगा, ताकि इस डाटा को सर्विलांस टीम को मुहैया कराया जा सके।
- ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन idsp-npo@nic.in पर जानकारी शेयर करेगा। संबंधित राज्य सरकारें इस बारे में ई-मेल के जरिए सूचना देंगी।
- इमीग्रेशन ब्यूरो डाटा भी उपलब्ध कराएगा और इसके आधार पर एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म एयर सुविधा पोर्टल पर उपलब्ध होगा।
राज्य सरकारों और इंटिग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (ISSP) के लिए SOPs
- वे सभी यात्री जो 21 से 23 दिसंबर तक देश के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर उतरे और जिन्हें पॉजिटिव पाया गया, उन सभी को क्वारैंटाइन सेंटर्स में रहना होगा। इस दौरान ICMR की गाइडलाइंस के हिसाब से उनका टेस्ट किया जाएगा। पॉजिटिव पैसेंजर की लाइन में बैठने वाले लोगों के अलावा आगे और पीछे की तीन-तीन सीटों के यात्रियों का भी टेस्ट होगा। इसके अलावा केबिन क्रू का भी टेस्ट होगा।
- 21 से 23 दिसंबर के बीच यात्रा करने वाले वे पैसेंजर जिनकी एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है, उन्हें इसकी जानकारी राज्य संबंधित राज्य से शेयर करनी होगी। उन्हें सलाह दी जाती है कि वे होम आइसोलेशन में रहें और ICMR की गाइडलाइंस के हिसाब से टेस्ट कराएं। राज्य सरकारों को इन लोगों पर नजर रखनी होगी।
- ऐसे यात्री जो 25 नवंबर से 8 दिसंबर 2020 के बीच भारत आए हैं, उनसे संबंधित जिलों के सर्विलांस ऑफिसर संपर्क करें और उनकी सेहत पर नजर रखें। अगर उनमें किसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो उनका RT-PCR टेस्ट कराया जाए।
- 9 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच भारत आए इंटरनेशनल ट्रेवलर्स की लिस्ट राज्य या जिला सर्विलांस ऑफिसर से शेयर करनी होगी, ताकि भारत पहुंचने के 14 दिनों तक उनकी सेहत का फॉलोप किया जा सके।
हेल्थ केयर प्रोवाइडर पैसेंजर्स के लिए क्या करेंगे
- स्टेट हेल्थ ऑफिशियल रोज पैसेंजर्स से सेहत की जानकारी के लिए संपर्क करेंगे।
- पैसेंजर्स को खुद कोरोना के लक्षणों को मॉनिटर करना होगा। बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों को भारत पहुंचने के बाद 28 दिनों तक मॉनिटर करना होगा।
- लक्षण दिखने पर मास्क पहनें, खुद को आइसोलेट कर लें और जिला सर्विलांस ऑफिसर, नेशनल या स्टेट हेल्पलाइन से संपर्क करें।
- जिला सर्विलांस ऑफिसर को ब्रिटेन से भारत आए पैसेंजर्स का अगले 28 दिनों तक डेली फॉलोअप सुनिश्चित करना होगा।
- जिला सर्विलांस ऑफिसर 9 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच भारत आए इंटरनेशनल ट्रैवलर्स का RT-PCR टेस्ट करना होगा। अगर पैसेंजर भारत पहुंचने के बाद किसी और शहर चले गए हैं, ताकि संबंधित डिस्ट्रिक्ट या स्टेट मामले की जानकारी देनी होगी।
- पॉजिटिव आने पर पैसेंजर्स को सेपरेट इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन फैसिलिटी में आइसोलेट करना होगा। यह जिम्मेदारी स्टेट हेल्थ अथॉरिटी की होगी।
वायरस का नया रूप पहले से 70% ज्यादा खतरनाक हो सकता है
वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है, यानी इसके गुण बदलते रहते हैं। म्यूटेशन होने से ज्यादातर वेरिएंट खुद ही खत्म हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी यह पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक हो जाता है। यह प्रोसेस इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक एक रूप को समझ भी नहीं पाते और दूसरा नया रूप सामने आ जाता है। वैज्ञानिकों को अनुमान है कि कोरोनावायरस को जो नया रूप ब्रिटेन में मिला है वह पहले से 70% ज्यादा खतरनाक हो सकता है।