चाईबासा में ग्रामीणों ने सरकारी इंजीनियर को बंधक बना लिया। पुलिस मौके पर पहुंची तब भी ग्रामीण इंजीनियर को छोड़ने को तैयार नहीं थे। तीन घंटे तक ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बनाए रखा पुलिस मनाने , समझाने का प्रयास करती रही लेकिन ग्रामीण नहीं मान रहे थे। 11 हजार रुपए नकद लेकर ग्रामीणों ने इंजीनियर को छोड़ा ।
पेयजल एवं स्वच्छता अंचल चाईबासा के अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार बादुड़ी में चयनित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू कराने गये थे। 94 करोड़ रुपये की ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम चेन्नई की श्रीराम ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सरकार ने आवंटित किया है। जमीन उपल्बध ना हो पाने की वजह से योजना अब तक पूरी नहीं है जबकि इस योजना को साल 2022 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। जमीन को लेकर काफी समस्या हो रही है पेयजल विभाग ने पहले एजेंसी को कुजू नदी पुल के नीचे डूब क्षेत्र में 11.13 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बैठाने के लिए जगह दी। प्लांट में बाढ़ का पानी घुस जाने के बाद विभाग ने पुराने स्थल को बदलकर दूसरी जगह जमीन दी। अंचलाधिकारी से एनओसी नहीं मिली तो चाईबासा के अधीक्षण अभियंता ने काफी प्रयास के बाद बादुड़ी में योजना के लिए जमीन दिलायी है। गुरुवार से बादुड़ी में डब्ल्यूटीपी के निर्माण का कार्य शुरू किया जाना था। इसके लिए संबंधित कंपनी के लोगों के साथ अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार सिंह सुबह करीब 11 बजे बादुड़ी गांव पहुंचे। काम समय पर शुरू हो सके इसके लिए जेसीबी मंगाया गया। काम जैसे ही शुरू हुआ गांव से 30 से 40 की संख्या में लोग आ गये। काम नहीं करने दिया जेसीबी को अपने कब्जे में ले लिया। ग्रामीण काम का विरोध करने लगे औऱ उस स्थान को देशाउली ( पूजा स्थल ) बताया। ग्रामीणों ने इंजीनियर की गाड़ी को घेर लिया और चार घंटे तक बंधक बनाए रखा। माहौल बिगड़ता देखकर इंजीनियर ने पुलिस को फोन किया।
सूचना पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी पवन चंद्र पाठक और कोकचो थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों को काफी समझाने और 11 हजार रुपये नकद देने के बाद ही अधीक्षण अभियंता को मुक्त किया गया। इसके बाद पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर चाईबासा आयी। इस बीच करीब चार घंटे तक कार्यस्थल पर माहौल गरम रहा। दूसरी तरफ थाना प्रभारी पवन चंद्र पाठक ने इंजीनियर को बंधक बनाए जाने की बात को गलत बताते हुए कहा ग्रामीण वहां काम करने का विरोध कर रहे थे।