पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान वर्तमान में जेल में बंद हैं। लेकिन उन्हें दूसरी बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है। इस वर्ष पाकिस्तान वर्ल्ड अलायंस (PWA) के सदस्यों ने पाकिस्तान में मानवाधिकारों और लोकतंत्र के साथ उनके काम के लिए इमरान खान के नामांकन की घोषणा की।
पार्टिएट सेंट्रम ने एक्स पर कहा, “हमें पार्टीट सेंट्रम की ओर से यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नामांकन करने के अधिकार वाले किसी व्यक्ति के साथ गठबंधन करके, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान में मानवाधिकारों और लोकतंत्र के साथ उनके काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।” नॉर्वेजियन राजनीतिक पार्टी पार्टीट सेंट्रम से संबंधित समूह PWA ने सोमवार को इमरान खान के नामांकन की घोषणा की।
2019 में भी हुए थे नॉमिनेट
2019 में इमरान खान को भारत के साथ तनाव कम करने के उनके कथित प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था और उनके समर्थन के संबंध में एक प्रस्ताव पाकिस्तान की संसद में प्रस्तुत किया गया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि फरवरी 2019 में बालाकोट हवाई हमले के दौरान पाकिस्तानी क्षेत्र में उनके विमान को मार गिराए जाने के बाद बंदी बनाए गए भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को रिहा करने के इमरान खान के फैसले ने पाकिस्तान और भारत के बीच दुश्मनी को कम किया।
हालांकि इमरान खान ने कहा था कि वह नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य नहीं हैं और उन्होंने एक्स पर लिखा था, “इस पुरस्कार के योग्य व्यक्ति वह होगा जो कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार कश्मीर विवाद को हल करे और उपमहाद्वीप में शांति और मानव विकास का मार्ग प्रशस्त करे।”
जेल में बंद हैं इमरान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रमुख इमरान खान वर्तमान में कई मामलों में दोषसिद्धि के कारण जेल की सजा काट रहे हैं। इमरान खान 2023 के मध्य से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। फरवरी 2024 में आम चुनावों के बाद से पीटीआई पाक सरकार के साथ टकराव में है और देश में कई बार विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
इस साल जनवरी में इमरान खान को सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इमरान खान जिन कई मामलों में उलझे थे, उनमें से सरकारी उपहार बेचने, सरकारी रहस्यों को लीक करने और गैरकानूनी विवाह से जुड़े तीन मामलों को अदालतों ने पलट दिया या निलंबित कर दिया। बता दें कि नॉर्वेजियन नोबेल समिति के सामने अनगिनत नामांकन जमा होते हैं और वे आठ महीने की लंबी प्रक्रिया के माध्यम से विजेता का चयन करते हैं।