भाजपा के टिकट से हजारीबाग सांसद और देश के वित्तमंत्री रहे यशवंत सिन्हा का अपनी पार्टी से एक बार फिर मोहभंग हुआ है। खबर है कि अब वह देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को ज्वाइन करने वाले हैं। यशवंत सिन्हा फिलहाल तृणमूल कांग्रेस में हैं। लेकिन वह अब वहां भी नहीं रहेंगे। चूंकि भाजपा में वापसी करने का अब की मतलब उनके लिए नहीं है, इसलिए उन्होंने नया ठिकाना ढूंढ लिया है। यह ठिकाना है कांग्रेस।
86 वर्ष के हो चुके यशवंत सिन्हा अगर भाजपा में लौटना भी चाहें तो यहां उनके लिए कोई स्कोप नहीं बचता है। क्योंकि वह यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि भाजपा में 75 वर्ष के बाद जनप्रतिनिधि बन कर राजनीति करना असम्भव हो गया है। इसलिए उन्होंने अपना नया ठिकाना ढूंढ लिया है। लेकिन उन्हें एक बात यह याद रखनी होगी कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बुजुर्गों की बजाय युवाओं को ज्यादा तरजीह देता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कांग्रेस में रहते हुए राजनीति में उनके लिए और क्या बचा है।
अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद पार्टी को हजारीबाग में कितना लाभ हो सकता है। अब चूंकि उनके बेटे जयंत सिन्हा को भी हजारीबाग से टिकट नहीं मिला है तो क्या ये दोनों फैक्टर वाकई में कांग्रेस के लिए लाभदायी होंगे, यह देखने वाली बात होगी।
बता दें कि यशवंत सिन्हा 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पद से इस्तीफा देकर जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा था।