अफगानिस्तान को लेकर गुरुवार को केन्द्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में विदेश मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों को अफगानिस्तान की ताजा जानकारी दी. साथ ही कहा कि, अफगानिस्तान से भारतीय लोगों को निकालना फिलहाल सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की हालत काफी गंभीर है.
बता दें, अफगान पर तालिबान के कब्जे और भारतीय लोगों की निकासी प्रक्रिया की ताजा जानकारी विदेश मंत्री ने राजनीतिक दलों के नेताओं को दी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि, काबुल में हालात काफी खराब हैं, ऐसे में भारत का पूरा फोकस अपने लोगों को जल्द निकालने में है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द अधिक से अधिक लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
इस दौरान विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि सर्वोच्च प्राथमिकता के तहत भारतीये लोगों को वहां से निकाला जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि तालिबान ने दोहा समझौते में किये गए वादे को तोड़ा है. इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि 16 अगस्त को 80 भारतीयों को वापस लाकर इसकी शुरुआत की गई थी. जिसके बाद लगातार निकासी का काम जारी है. उन्होंने कहा कि, अब तक भारत 8 सौ से भी ज्यादा लोगों को वापस देश ला चुका है.
विपक्ष के कई नेता बैठक में हुए शामिल: केन्द्र सरकार की ऑल पार्टी मीटिंग में विपक्ष के कई नेता शामिल हुए. इनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान नेताओं ने अफगान संकट पर भारत के रुख पर भी सवाल किया.