टीआरएफ लिमिटेड के निदेशक मंडल ने 22 सितंबर को आयोजित अपनी बैठक में टाटा स्टील लिमिटेड में अपने प्रस्तावित समामेलन (एमल्गमेशन) के लिए योजना पर विचार किया और इसकी सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी. बोर्ड ने स्वतंत्र निष्पक्षता एवं मूल्यांकन राय के आधार पर समामेलन प्रस्ताव पर विचार किया है तथा कंपनी अधिनियम 2013 एवं भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड विनियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया है. स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने प्रस्तावित समामेलन के लिए जिस स्वैप अनुपात को मंजूरी दी है, उसके अनुसार टीआरएफ लिमिटेड के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए टाटा स्टील लिमिटेड के 17 शेयर होंगे.
बेहतर पूंजी प्रवाह और तकनीक के हस्तांतरण से कंपनी की स्थिति मजबूत होगी
टाटा स्टील के साथ टीआरएफ का व्यापारिक संबंध व्यवसाय की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने का एक प्रमुख हिस्सा रहा है. इस वर्ष के प्रारम्भ में इसने टाटा स्टील की चल रही बड़ी विकास परियोजनाओं से महत्वपूर्ण ऑर्डर की पाइपलाइन एवं मांगों के आधार पर अपने व्यवसाय को पूरी तरह से पुनर्गठित किया है, ताकि परिसंपत्तियों एवं मानव संसाधनों का उच्च स्तर का उपयोग सुनिश्चित हो सके. व्यवसाय की वित्तीय स्थिति की ऐतिहासिक रूप से नाजुक प्रकृति, टाटा स्टील पर निर्भरता तथा संसाधन उत्पादकता, इंजीनियरिंग एवं परियोजना निष्पादन क्षमताओं में सुधार की आवश्यकता को देखते हुए प्रस्तावित समामेलन कंपनी के स्थायी भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. इससे व्यवसाय को पूंजी की बेहतर उपलब्धता के माध्यम से प्रगति करने का अवसर मिलेगा तथा नकदी प्रवाह प्रबंधन में अधिक दक्षता की सुविधा भी मिलेगी. टीआरएफ को टाटा स्टील से सर्वोत्तम प्रथाओं तथा प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण से भी लाभ होगा तथा इसके ग्राहकों को उत्पादों और सेवाओं की पेशकश उन्नत होगी.
इससे कंपनी के ओवरहेड में कमी आएगी
यह प्रस्तावित समामेलन केंद्रीकृत प्रोक्योरमेंट, इन्वेंट्री के अनुकूलन तथा बेहतर सुविधा उपयोग के माध्यम से तालमेल को भी बढ़ावा देगा. यह सिस्टम में ओवरहेड एवं कॉर्पोरेट लागत को कम करने में मदद करेगा. प्रस्तावित समामेलन सभी शेयरधारकों के लिए मूल्य उत्पन्न करेगा.समामेलन की योजना अब एक परिभाषित नियामक अनुमोदन प्रक्रिया में चली जाएगी, जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों एवं एनसीएलटी द्वारा स्वीकृति शामिल है.
बोर्ड में होगा परिवर्तनकंपनी के प्रबंध निदेशक आलोक कृष्णा ने अपनी वर्तमान भूमिका से हटने एवं एक अन्य कार्यभार संभालने की इच्छा व्यक्त की है. वह 30 सितंबर 2022 को कारोबार की समापन पर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक नहीं रहेंगे. फलस्वरूप, निदेशक मंडल ने नॉमिनेशन एंड रेम्यूनेरेशन कमिटी की सिफारिश पर 1 अक्टूबर, 2022 से कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर के रूप में उमेश कुमार सिंह की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. सिंह वर्तमान में टाटा पिगमेंट लिमिटेड के मैनेजिंग डाइरेक्टर हैं और 1 अक्टूबर 2022 से मैनेजिंग डाइरेक्टर का पद ग्रहण करेंगे तथा कंपनी के प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक होंगे.