झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल को ED ने दूसरे दिन बुधवार को पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिया है। मंगलवार को 9 घंटे की पूछताछ के बाद बुधवार सुबह 10.45 बजे वह ED के दफ्तर पहुंची। आज वह अकेले यहां आई थी। इस बीच उनसे बात करने की कोशिश की गई लेकिन इस मामले पर कुछ भी बोलने से वे बचती रहीं।
ED की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई संभव
वहीं झारखंड सरकार ED की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट के आधार उन पर कार्रवाई की जा सकती है। एक्सपर्ट की मानें तो पूजा सिंघल को सस्पेंड करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त आधार हैं। इसके आधार पर उन्हें सस्पेंड किया जा सकता है। CM ने इस मामले पर आला अधिकारियों से बातचीत भी की है। संभवत: कार्मिक विभाग ED की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर सकता है। सरकार बुधवार को कैबिनेट की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा कर सकती है।
30 तक छुट्टी पर सिंघल
ईडी की छापेमारी के बाद विवादों में घिरी खान सचिव पूजा सिंघल 30 मई तक छुट्टी पर चली गई हैं। उन्होंने सोमवार को छुट्टी का आवेदन दिया था। उन्होंने छुट्टी का कारण निजी बताया है। हालांकि ब्यूरोक्रेसी के अनुसार ED की छापेमारी के बाद जारी पूछताछ और असामान्य मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूजा सिंघल ने छुट्टी ली है। फिलहाल उनका प्रभार किसी को नहीं दिया गया है।
पूजा का CA नहीं कर रहा है सहयोग
ईडी के मुताबिक, सीए सुमन कुमार भी जांच में एजेंसी को सहयोग नहीं कर रहा है। घर से बरामद रुपए का असली मालिक कौन है, सुमन यह नहीं बता रहा है। जांच में यह बात सामने आई है कि पूजा सिंघल ने सुमन कुमार के पिता घनश्याम सिंह के पार्टनरशिप फर्म मेसर्स संतोष क्रुशेरर मेटल वर्क्स के खाते में 21 सितंबर 2017 को 6.22 लाख और मेसर्स राधेश्याम एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड में भी पैसे डाले थे। पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल यह नहीं बता पाईं कि उन्होंने ये पैसे क्यों सुमन कुमार को भेजे थे।
कल मनरेगा घोटाले पर हुई थी पूछताछ
पहले दिन 9 घंटे तक पूजा सिंघल से खूंटी के मनरेगा घोटाले मामले में पूछताछ हुई थी। इसमें उन्होंने जांच कमेटी की ओर से खुद को क्लीन चिट देने की बात कही थी। ED के अधिकारियों ने उनसे पूछा कि DC रहते हुए उनके खाते में 1.43 करोड़ रुपए कहां से आए? इस सवाल का को जवाब सिंघल नहीं दे पाई। मनरेगा घोटाले के वक्त पूजा सिंघल ही खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त थी, तब मनरेगा की योजनाओं में 18.06 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था।