कमल देव गिरी की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी सतीश प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी यूपी के बलिया से हुई है हालांकि अब तक स्थानीय प्रशासन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर में गिरीराज सेना के प्रमुख सह युवा हिंदू नेता कमल देव गिरी की हत्या हुई थी। मुख्य साजिश कर्ता सतीश प्रधान को एसआईटी ने सोमवार देर रात उत्तर प्रदेश के बलिया से गिरफ्तार किया गया।
हत्याकांड में शामिल दूसरा मुख्य आरोपी अब भी फरार
सूत्रों के अनुसार मुख्य आरोपी अपने एक परिचित के साथ वहां रह रहा था। गिरफ्तारी के बाद पश्चिमी सिंहभूम पुलिस की एसआईटी ने उसे हिरासत में ले लिया, उससे पूछताछ जारी है जबकि दूसरा साजिशकर्ता जाहिद अभी भी फरार है।
12 नवंबर को चक्रधरपुर में भारत-भवन चौक के पास पेट्रोल बम से हिंदुत्व नेता कमलदेव गिरी की हत्या की गयी थी। हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी ने सोमवार को चक्रधरपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुख्य साजिश कर्ता सतीश चक्रधरपुर प्रखंड के कुरुलिया का रहने वाला है। सतीश का संबंध बांसडीह रोड इलाके की रहने वाली एक शिक्षिका से है, जो चाईबासा में तैनात है। जांच करने पर पश्चिमी सिंहभूम पुलिस को पता चला कि घटना के बाद शिक्षक से सतीश की आखिरी बातचीत हुई थी।
तीन दिन पहले पुलिस सर्विलांस के जरिए मोबाइल नंबर ट्रेस कर यहां पहुंची। शिक्षक और उसके परिजनों से पूछताछ करने पर सतीश के लोकेशन की जानकारी मिली। सतीश को पुलिस ने सोमवार रात परमंदापुर गांव स्थित एक घर से गिरफ्तार किया था। पश्चिमी सिंहभूम पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर आरोपी सतीश को साथ ले गई।बता दें कि कमलदेव गिरी हत्याकांड को लेकर चाईबासा में कई दिनों तक तनाव था। पथराव की घटना हुई, पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा था।
पीछे से अपराधियों ने बम से इन पर हमला कर दिया। घायल अवस्था में समर्थकों ने उन्हें इलाज के लिए रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया यहां डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया। कमल देव की हत्या के बाद पूरे इलाके में भय का माहौल है। हत्या की खबर आग की तरह फैल गयी और समर्थकों ने रांची-चाईबासा मुख्य मार्ग जाम कर दिया। समर्थक रेलवे अस्पताल से शव लेकर पवन चौक पहुंचे और शव को रख हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।
गिरी की राजनीतिक पकड़ का अनुमान इससे ही लगाया जा सकता है कि वह भाजपा, आजसू, झामुमो सहित कई राजनीतिक पार्टियों में रहे। एक दर्जन संगठनों और पूजा समितियों जैसे कुली यूनियन, जन्माष्टमी पूजा समिति का मार्गदर्शन करते थे। गिरि ने अपनी जान का खतरा बताया था। पिछले नगर पर्षद चुनाव में गिरि दूसरे पॉजिशन पर थे और इस बार भी अपने स्तर से वे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। हत्या की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गयी और कई दुकानें बंद हैं।