रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने कृषि बिल का विरोध किया। विरोध जताते हुए महगामा विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंची। विधानसभा पहुंचने के बाद महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह धरने पर भी बैठी। इस दौरान उनके हाथ में तख्ती थी जिसमें नरेंद्र मोदी को किसान विरोध बताया गया। तख्ती पर लिखा था कि किसान विरोध नरेंद्र मोदी, किसानों के खिलाफ काला कानून वापस लो। उनके साथ बैठे कांग्रेस के विधायक ने भी तख्ती पकड़ी थी जिसपर लिखा था कि ना डरेंगे, ना झुकेंगे, हम लड़ेंगे। अपने खेत-खलिहानों के लिए, काले कानून के खिलाफ सड़क से सदन तक।
दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि हम सदन से लेकर सड़क तक केंद्र सरकार के किसान विरोधी बिल का विरोध कर रहे हैं। दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि शर्म की बात है कि झारखंड ने जिसे पहचान दी, हरिवंश की को सभी लोगों ने उपसभापति बनाकर बैठाया। उनकी देखरेख में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सदन में हत्या कर दी गई। ऐसा कानून गलत तरीके से राज्यसभा में पारित कराया गया जो सुनिश्चित करेगा कि पूंजीपति इस देश में बढ़े और यहां के अन्नदाता सड़कों पर भीख मांगे। हमलोग ऐसे किसी भी काला कानून का विरोध करते हैं। देश के किसानों के साथ हम सब खड़े हैं।
वहीं केंद्र सरकार के द्वारा पास कृषि विधेयक का विरोध करते सत्ता पक्ष के विधायक मिथलेश ठाकुर ने केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए कृषि बिल को काला कानून बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर एक चीज को निजीकरण कर दी है अब जो खेती किसानी बची हुई थी उसे भी बड़े उद्योग कॉर्पोरेट घराने को हाथों में देने का काम कर रही है। यह कानून देश विरोधी है किसान विरोधी है इस कानून का भरसक विरोध किया जाएगा।
एक ही जगह पक्ष और विपक्ष के विधायक हुए खड़े, अपनी-अपनी मांगों को लेकर जताया विरोध
झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने विरोध प्रदर्शन किया। एक तरफ जहां सत्ता पक्ष किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी वही विपक्ष नियोजन नीति, युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दे पर विरोध कर रही थी।
विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी ने हेमंत सरकार पर निशाना साथ हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा दिए गए नौकरी को भी सरकार बचा नहीं पा रही है। झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार के द्वारा मजबूती से पक्ष नहीं रखा गया, जिसके कारण 18000 हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला आया है। हेमंत सरकार के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में मजबूती से पक्ष नहीं रखने के कारण आज युवा बेरोजगार हो गए हैं। उन युवाओं के साथ भारतीय जनता पार्टी हमेशा खड़ा रहेगी।