नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर विज्ञान भवन में केंद्र सरकार औ किसान नेताओं के बीच आठवें दौर की वार्ता खत्म हो गई है। यहां केंद्र सरकार की ओर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे। बैठक से ठीक पहले दोनों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। वहीं, आज किसान और सरकार के बीच बैठक खत्म होने के बाद अगली बैठक अब 15 जनवरी के बाद होगी। वहीं, दिल्ली बॉर्डर पर किसान का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को 44 वें दिन भी जारी है। कृषि मंत्री ने आज की वार्ता में समाधान निकलने की उम्मीद जताई थी।
बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान अभी भी अपने जिद पर अड़े हैं। केंद्र से वार्ता से पहले गुरुवार को उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला और अपनी मांगों के माने जाने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही। केंद्र ने कहा कि वह कानून वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि विज्ञान भवन में होने वाली इस वार्ता के दौरान किसानों के समक्ष सरकार नया फार्मूला पेश कर सकती है। कानूनों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन हो सकता है। इसके अलावा कानूनों पर एतराज जताने वाले राज्यों को कुछ शर्तों के साथ रियायत देने पर विचार किया जा सकता है। इसमें राज्यों की भूमिका के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी जा सकती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोम प्रकाश के साथ, किसान यूनियन के नेताओं के साथ सरकार की वार्ता की अगुआई कर रहे हैं। आज आयोजित होने वाली वार्ता काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चार जनवरी को हुई पिछली बातचीत बेनतीजा रही थी। 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में थोड़ी सफल रही थी। इस दौरान सरकार ने आंदोलनकारी किसानों की दो मांगों को मान लिया था। इसके अलावा अन्य दौरों की बातचीत बेनतीजा रही है।
सरकार कानूनों में सुधार के लिए तैयार
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के साथ पहले कि वार्ता में किसान यूनियन के नेताओं का विषय था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं। सरकार सुधार के लिए तैयार है। मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता में वे इस बात को समझेंगे। किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है तो समाधान अवश्य होगा।बुधवार को उन्होंने कहा था कि राजनीति के लिए कम्युनिस्ट आग में घी डाल रहे हैं। वो देश में शांति नहीं चाहते। साथ उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।