दुमका: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारी सरकार मजदूरों, किसानों के प्रति संवेदनशील है। मैं खुद किसान व मजदूर का बेटा हूं इसलिए मैं इनका दर्द बखूबी समझता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी जान चली जाए लेकिन मजदूरों को मरने नहीं दूंगा। उनकी हकमारी कोई नहीं कर पाएगा। राज्य सरकार श्रम कानून के प्रावधानों के अनुरूप उन्हें हर संभव सहायता मुहैया कराएगी। लेह लद्दाख जाने वाली स्पेशल ट्रेन में दुमका समेत पूरे प्रमंडल से करीब 1600 मजदूर रवाना हुए।
झमाझम हो रही बारिश के बीच शनिवार को श्रमिकों को लेह लद्दाख ले जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन को दुमका रेलवे स्टेशन से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हरी झंडी दिखाकर विदा किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सीमा सड़क संगठन के एडीजे अनिल कुमार, विधायक नलिन सोरेन समेत कई वरीय अधिकारी उपस्थित थे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री की उपस्थिति में दुमका में श्रम विभाग और सीमा सड़क संगठन के प्रतिनिधि के बीच टीओआर पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान पिछले कुछ माह में मजदूरों का देश भर से विभिन्न राज्यों में पलायन हुआ। आजादी के बाद इतनी बड़ी संख्या में यह पहला पलायन होगा। इस दौरान इन मजदूरों के साथ जो अमानवीय व्यवहार हुआ, उसे पूरा देश ने देखा। किस तरह मजदूर ट्रेनों में सड़क पर अपनी जान गवाई। पैदल चलते चलते महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया। हमारा व्यवहार इन मजदूरों के प्रति संवेदनशील नहीं रहा। कहीं न कहीं हमनें इन मजदूरों के साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया।
श्रमिकों, किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील: सीएम
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को लेह के लिए रवाना करने से पूर्व कहा- श्रमिकों, किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील है। आने वाले समय में व्यवस्थाएं इन्हें समर्पित होंगी। कोई किसान, श्रमिक नहीं मरेगा, इसके लिए मुझे ही क्यों न अपनी जान देनी पड़े। नमन आप श्रमिकों, किसानों को। मुख्यमंत्री ने कहा- वर्षों से ठंड में हाड़ कंपाने वाले लेह जैसे दुर्गम क्षेत्र में काम करने गए झारखंडवासियों को अनेकों परेशानियों का दंश झेलना पड़ा है। आज देश सेवा में गौरव और सम्मान के साथ जा रहे मेरे झारखंडी भाइयों को मैं भरोसा देता हूं कि उनके अधिकार की रक्षा के लिए उनका यह भाई हमेशा खड़ा है।