चतरा मंडल कारा में बंद NDPS एक्ट के आरोपी राजू तुरी (32 वर्ष) की मौत रविवार की सुबह सदर अस्पताल में हो गयी. वह एक माह से जेल में बंद था. राजू की मौत की जानकारी मिलने पर उसके परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर ईलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि जेल प्रशासन की लापरवाही से राजू की मौत हुई है. परिवार वालों ने इस मामले की जांच करने की मांग की है.
दो किलो अफीम के साथ हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि राजू पत्थलगड्डा थाना क्षेत्र के मेराल गांव निवासी धनेश्वर तुरी का पुत्र था. दो नवंबर को पत्थलगड्डा पुलिस ने उसके घर से छापामारी कर दो किलो अफीम के साथ गिरफ्तार किया था. मृतक के परिजन ने बताया कि राजू किडनी समस्या से ग्रसित था. उसका इलाज चल रहा था, लेकिन मंडलकारा में उसका इलाज नहीं हुआ. शनिवार को अचानक पेट में दर्द हुआ. जिसके बाद मंडलकारा प्रशासन ने आनन-फानन में इलाज के लिए चिकित्सक को बुलाया. चिकित्सक ने उसकी स्थिति को देखते हुए रेफर करने की बात कही, लेकिन उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इसको लेकर मृतक के परिवार वालों ने लापरवाही का आरोप लगाया है.
राजू की तबीयत खराब होने पर सदर हॉस्पिटल में कराया भर्ती
इस संबंध में जेल अधीक्षक मानिक चंद ने कहा कि जैसे ही राजू की तबीयत खराब होने की सूचना मिली. शनिवार की शाम सदर अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया. जहां उसकी मौत हो गयी. मृतक राजू के परिवार वालों द्वारा लगाये गये आरोप को गलत बताया है. साथ ही कहा है कि बंदियों की सेवा पूरी ईमानदारी के साथ की जाती है. बेटा और परिवार से भी अधिक सेवा बंदियों की करते हैं.
राजू के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम का वीडियोग्राफी भी करायी गयी. मेडिकल बोर्ड टीम में डॉ अरविंद केशरी, डॉ संजय सिद्धार्थ और डॉ राहुल शामिल थे.