रांची : कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में कई बीमारियां सामने आ रही हैं। ब्लैक फंगस के बाद अब छोटे बच्चों काे प्रभावित करने वाली नई बीमारी मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमएसआईसी) तेजी से फैल रही है। यह कोरोना से ठीक होने वाले 2 से 18 साल तक के बच्चोें और किशोरों को प्रभावित कर रही है। रांची में अब तक 15 बच्चों इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। 4 मरीजों पिछले 24 घंटे में मिले हैं।
इनका इलाज रानी हॉस्पिटल में हो रहा है। एमएसआईसी के चपेट में आने से शरीर के कई अंग प्रभावित होते है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सबसे ज्यादा खून की नली को प्रभावित करता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बालपन हाॅस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि एमएसआईसी बच्चों के हार्ट, किडनी, लीवर, स्किन और आंख पर असर डालता है।
एक्सपर्ट ने कहा- खून की नली को करता है प्रभावित, हार्ट अटैक का खतरा
तेज बुखार, शरीर में दाने, आंख लाल होना व शरीर में सूजन
कोरोना से ठीक होने के दो से छह हफ्ते के बाद तेज बुखार आएगा। यह दो से तीन दिन तक रहेगा। शरीर में दाने, आंख लाल होना और शरीर में सूजन इसके लक्षण है। यदि बुखार ठीक नहीं होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इसके इलाज के लिए इंट्रावेनस इम्यूनो ग्लोबिन के अलावा स्टेरॉइड का इस्तेमाल किया जाता है।
पहचान के लिए एंटीबॉडी जांच जरूरी
डॉ राजेश ने बताया कि बीमारी की पहचान एंटीबॉडी जांच कराना होगा। बीमारी की पुष्टि होने के बाद इसके इलाज में संभावित एक से डेढ़ लाख का खर्च आएगा।
तीसरी लहर 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को करेगा प्रभावित- डॉ राजेश
डॉ राजेश ने कहा कि कोरोना की पहली लहर ने बुजुर्गों को और दूसरी ने वयस्कों को प्रभावित किया। अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी। हालांकि चिकित्सक मानते हैं कि छोटे बच्चों को यह लहर ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित नहीं करेगी। इसका कारण है कि बच्चों के शरीर में जो एसीई-1 और एसीई-2 रिसेप्टर कोशिका होती है, वह कम डेवलप होती है। इसी कोशिका के माध्यम से वायरस शरीर के भीतर प्रवेश करता है। ऐसे में 12 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चे बीमार हो सकते हैं।