मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली जाने के बाद सूबे का सियायी पारा चढ़ता जा रहा है। गठबंधन की सरकार में नेतृत्व कर रहे दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को दो टूक कहा है कि हेमंत मंत्रिमंडल में जब भी 12वां मंत्री बनेगा वह झामुमो का होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई किंतु परंतु नहीं है। उन्होंने आगे कहा है कि गठबंधन फार्मूला के मुताबिक सात मंत्री पद झामुमो के, चार मंत्री कांग्रेस के और एक राजद के तय हैं।
हेमंत कैबिनेट में इस समय ग्यारह मंत्री हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पास मुख्यमंत्री के अलावा पांच मंत्री हैं। जबकि कांग्रेस के चार मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल हैं। तीसरा दल राजद से एक मंत्री हैं। इस प्रकार हेमंत मंत्रिमंडल में कुल 11 मंत्री हैं और 12वें मंत्री का पद रिक्त है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व की ओर से पांचवे मंत्री के लिए सार्वजनिक रूप से दावेदारी की जाती रही है।
पांचवी विधानसभा की दलगत स्थिति को देखें तो सरकार में झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 30 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 16 ( + 2 विधायक झाविमो से शामिल हुए हैं, हालांकि अभी इन्हें विधानसभा से कांग्रेस में शामिल होने की मान्यता नहीं मिली है) विधायक हैं। गठबंधन के तीसरे सहयोग राष्ट्रीय जनता दल एक एक विधायक सरकार में शामिल है। सुप्रियो ने कहा कि विधायकों की संख्या के आधार पर भी देखें तो झामुमो सबसे बड़ी पार्टी है। सभी दलों को मैनडेट के आधार पर मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व तय है। इसमें कोई प्रश्न नहीं होना चाहिए।