रांची: झारखंड हाईकोर्ट में कोरोना की तैयारियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स के प्रभारी निदेशक और राज्य के स्वास्थ्य सचिव को एक अक्टूबर को अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित होने का आदेश दिया है.
लचर व्यवस्था के लिए प्रबंधन जिम्मेदार: चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा है कि रिम्स में डॉक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकल स्टाफ के कितने पद रिक्त हैं? और जब सरकार ने इन रिक्त पदों को भरने की बात कह दी है. इसके बावजूद रिक्तियों को भरने की दिशा में काम क्यों नहीं हो रहा है? वहीं अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि रिम्स में सुधार की जरूरत है एवं मौजूदा परिस्थिति में हाईकोर्ट का पूरा फोकस रिम्स की व्यवस्था को सुधारने पर है.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से रिम्स की लचर व्यवस्था के लिए रिम्स प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्य सरकार से पूछा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में सिर्फ एक सीटी स्कैन मशीन क्यों है और क्या कारण है कि जो भी व्यक्ति अपनी कोरोना जांच करा रहे हैं उनका रिजल्ट 10 दिनों बाद मिल रहा है? अदालत ने इन सभी बिंदुओं पर राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए 2 सप्ताह बाद इस मामले में फिर से सुनवाई की तारीख निर्धारित की है.