रांची : राजधानी में कोरोना का कहर जारी है. गंभीर मरीजों के अलावा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की संख्या भी काफी अधिक है. लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना के मरीज घरों से निकलने वाले वेस्ट का प्रॉपर डिस्पोजल नहीं कर रहे हैं. वहीं घर के वेस्ट के साथ ही डोर टू डोर कलेक्शन वाली गाड़ियों में कचरा डाल दे रहे हैं. लोगों की इन गंदी आदतों की वजह से डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन करने वाली एजेंसी परेशान हो गयी है. इस वजह से कचरा उठाने वाले कई स्टाफ कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
अलग डिस्पोजल बैग में रखना है वेस्ट
हम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों का यूज किए जाने वाले टिश्यू पेपर, ग्लव्स, मास्क, पीपीई किट व अन्य चीजों को अलग डिस्पोजल बैग में रखने को कहा गया है. जिससे कि वेस्ट कलेक्शन करने वाले उसे अलग से कलेक्ट कर ले जाएं और उसका डिस्पोजल किया जा सके. वहीं हॉस्पिटल वालों को भी कचरा अलग-अलग डिस्पोजेबल बैग में डालने को कहा गया है. जिससे कि बायोमेडिकल वेस्ट का अलग डिस्पोजल किया जा सके. लेकिन इस महामारी में वे लोग भी लापरवाही बरत रहे हैं.
सीडीसी एजेंसी काम करने में असमर्थ
राजधानी में प्राइमरी कलेक्शन डोर टू डोर का काम जयपुर की सेंटर फॉर डेवलपमेंट कम्युनिकेशन (सीडीसी) को दिया गया है. जनवरी से यह एजेंसी सिटी में डोर टू डोर कलेक्शन का काम कर रही है. अब एजेंसी को काम करने में परेशानी आ रही है. क्योंकि हर महीने उन्हें स्टाफ को पेमेंट करना होता है. वहीं कोरोना महामारी में काम भी बढ़ गया है. ऐसी स्थिति में नगर निगम की ओर से पेमेंट नहीं मिलने के कारण एजेंसी के सामने समस्या खड़ी हो गयी है. एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि अगर एजेंसी को भुगतान नहीं किया जाता है तो काम करना मुश्किल हो जाएगा.
हर दिन 600 मीट्रिक टन कचरा
रांची नगर निगम ने पहले सीडीसी को आधे से भी कम वार्डों में काम का जिम्मा दिया था. लेकिन काम को देखते हुए एजेंसी को सभी 53 वार्डों में वेस्ट कलेक्शन का काम दे दिया गया. यह एजेंसी डोर टू डोर कलेक्शन के बाद कचरा एमटीएस में लाकर जमा कर देती है. जहां से बल्क में वेस्ट को झिरी डंपिंग यार्ड भेज दिया जाता है. एजेंसी से जुड़े लोगों ने बताया कि बायो मेडिकल वेस्ट की चपेट में हमारे स्टाफ भी आ जाते हैं जिससे कि वे इनफेक्टेड हो रहे हैं. बताते चलें कि हर दिन शहर से लगभग 600 मेट्रिक टन कचरा निकलता है. अभी लॉकडाउन में दुकानें बंद है फिर भी कचरे में कोई कमी नहीं आई है.