रांची : लॉकडाउन में बाहर फंसे मजदूरों को उस वक्त राहत मिली जब झारखंड सरकार के आग्रह के बाद केंद्र सरकार ने मजदूरों को लाने की अनुमति दी. केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद तेलंगाना में फंसे झारखंड के 1200 से अधिक मजदूरों को पहले खेप में ट्रेन के माध्यम से झारखंड लाया गया. इस दौरान मजदूरों के खाने पीने से लेकर उसके घर तक जाने की पूरी व्यवस्था झारखंड सरकार ने की. मजदूरों को उसके घर तक भेजने के लिए सरकार ने 60 बसों की व्यवस्था की. सभी मजदूरों को बसों से उनके गृह जिला भेजा गया. जहां उन्हें होम क्वारंटाइन किया जायेगा. मजदूरों की वापसी हेमंत सरकार की अबतक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
वहीं हटिया स्टेशन पहुंचने पर मजदूरों का अधिकारियों ने फूलों और मास्क से स्वागत किया. जिसके बाद मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई. स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को बस से उनके गृह जिला के लिए रवाना किया गया.
हटिया स्टेशन पर डीसी-एसएसपी समेत 200 से अधिक पुलिसकर्मी मौजूद रहे, जो मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुये मजदूरों को बसों तक पहुंचाया. बसों में भी मजदूरों के सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया.
अपनी धरती पर पहुंच कर मजदूरों की खुशी का ठिकाना नहीं
25 मार्च से लॉकडाउन में फंसे मजदूरों ने झारखंड पहुंचकर राहत की सांस ली. राज्य सरकार की पहल पर केंद्र सरकार की अनुमति के बाद स्पेशल ट्रेन से 1200 से अधिक मजदूरों को लाया गया. हटिया स्टेशन पहुंचकर मजदूरों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मजदूरों ने सीएम हेमंत सोरेन को इसके लिए धन्यवाद दिया.
इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन हटिया स्टेशन पहुंचे थे और पूरी व्यवस्था का निरीक्षण किया. मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया साथ ही अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिये थे.