रांची। राजस्थान के कोटा से छात्रों को लेकर झारखंड के हटिया के लिए निकली स्पेशल ट्रेन से बंडामुंडा के पास एक युवक कूद गया जिससे वह जख्मी हो गया। झारखंड का पता बताकर राजगांगपुर के युवक ने कोटा में फर्जी पंजीकरण कराया और ट्रेन में बैठा था। मेडिकल जांच के बाद रेलवे व प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी जांच करने के बाद कोरेंटाइन में भेजा।
राजगांगपुर के युवक ने झारखंड का पता देकर कराया था पंजीकरण
राजगांगपुर लिपलोइ निवासी 40 वर्षीय सुकुरु गौड़ ओसीएल के एक अधिकारी को लेकर मार्च महीने में कोटा गया था। वहां से लौटने से पहले ही लॉकडाउन लग गया जिससे वह वहां फंस गया। वह अधिकारी के घर में ही रुका था पर जब उसे पता चला कि कोटा से स्पेशल ट्रेन हटिया रांची के लिए जा रही है तो उसने फर्जी पता देकर पंजीकरण करा लिया। ट्रेन को राउरकेला में रुकना था पर समय अधिक होने के कारण यहां नहीं रुकी इससे सुकरु घबरा गया। शाम करीब साढ़े चार बजे ट्रेन बंडामुंडा ए केबिन के पास से गुजर रही थी तब वह कूद गया जिससे उसे चेहरे व हाथ में चोट लगी। गेटमेन निर्मला विशोई की नजर पड़ने पर इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को दी। एआरएम एस सामंत के साथ आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारी वहां पहुंचे और युवक का मेडिकल जांच कराया। इसकी सूचना राउरकेला एडीएम को भी दी गयी। प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे कोरेंटाइन सेंटर में भेजा गया।
रेलवे अफसरों की निगरानी में आइआरसीटीसी ने दिया भोजन का पैकेट
राजस्थान के कोटा में फंसे रांची के 1188 छात्रों को लेकर स्पेशल ट्रेन रवाना हुई। आगमन के क्रम में बिलासपुर रेलवे स्टेशन में दो मिनट के लिए ट्रेन का ठहराव हुआ। इस दौरान आइआरसीटीसी व रेलवे अफसरों की निगरानी में बच्चों को भोजन के पैकेट का वितरण किया गया। इस दौरान शारीरिक दूरी का भी पालन किया गया। सभी बच्चे कोचिंग के लिए कोटा गए थे। लॉकडाउन के कारण वे वहां फंस गए थे। सभी को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए कोटा से 24 कोच की एक स्पेशल ट्रेन चलाई गई। बिलासपुर में इस ट्रेन में भोजन देने की पूर्व से ही सूचना थी। इस स्पेशल ट्रेन के एक- दो बोगी में मजदूर भी सवार थे।
ट्रेन छूटते ही प्लेटफार्म की धुलाई की गई
स्पेशल ट्रेन बिलासपुर जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर आकर खड़ी हुई। ट्रेन के रवाना होते ही प्लेटफार्म को सैनिटाइज किया गया। ट्रेन में बच्चों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के आठ जवानों को तैनात किया गया था। बिलासपुर पहुंचने के बाद सभी जवान उतर गए। यहां से फिर आठ जवान ट्रेन में सवार हुए। ये जवान झारसुगुड़ा से निगरानी करते हुए जाएंगे। इसके बाद वहां फिर दूसरे जवानों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
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