झारखंड के कई जिलों में मिजिल्स-रूबेला के फैलने की खबर है। धनबाद में इसके मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार मिजिल्स की चपेट में आकर अबतक चार बच्चों की मौत हो गयी है। वहीं इसके 30 से ज्यादा मरीजों की पहचान हुई। इस बीमारी से ग्रसित लोगों में ज्यादातर मरीज ग्रामीण इलाके के हैं। संक्रामक बीमारी में मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह धनबाद जिला रेड जोन की ओर बढ़ रहा है।
विशेष टीम का गठन
स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी से बचने के लिए विशेष टीम का गठन किया है। टीम में शामिल डॉक्टर मिजिल्स के मरीजों पर लगातार नजर रखी जा रही है। मिजिल्स प्रभावित गांवों में कैंप लगाकर लोगों का इलाज शुरू करने की तैयारी है।धनबाद में मरीजों की संख्या बढ़ रही है अबतक के आंकड़े के अनुसार गोविंदपुर में दो, निरसा में एक और बोकारो से धनबाद के टुंडी आये एक बच्चे की मृत्यु मिजिल्स से हो चुकी है। वहीं गोविंदपुर प्रखंड में 22, निरसा में आठ, झरिया में तीन, टुंडी में चार सहित अन्य प्रखंडों में भी मिजिल्स के मरीज पाये गये हैं।
बच्चो टीकाकरण नहीं होने से बढ़ा खतरा
स्वास्थ्य विभाग ने आंकड़े जारी कर बताया है कि साल 2021-22 में 67 प्रतिशत बच्चों को मिजिल्स का टीका दिया गया है। वहीं 33 प्रतिशत बच्चे टीकाकरण नहीं हो सका। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बाघमारा, बलियापुर, धनबाद सदर, गोविंदपुर, झरिया, निरसा, तोपचांची व टुंडी ब्लॉक में 72,327 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित था। जबकि, 48,459 बच्चों को मिजिल्स का टीका दिया गया। करीब 23,868 बच्चे मिजिल्स टीकाकरण से छूट गये।
बच्चों में तेजी से फैल रही है बीमारी
सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि मिजिल्स संक्रामक बीमारी है। खासकर बच्चों के बीच यह तेजी से फैलता है। इससे बचाव के लिए 15 माह के बच्चों को मिजिल्स व रूबेला का टीका दिया जाता है। पहला टीका का पहला डोज नौ माह में ओर दूसरा डोज 15 माह में बच्चे को दिया जाता है। इस समय सीमा में छूटे बच्चों को पांच साल की अवधि तक में एक माह में दो टीका देना अनिवार्य है।