चाईबासा. नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को चाईबासा के पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान डीआईजी राजीव रंजन ने ग्रामीणों से अपील की कि नक्सलियों के सफाया के लिए उन्हें आगे आना होगा। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि कोई भी किसी नक्सली को पनाह न दें।
शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दिए जाने के दौरान डीआईजी राजीव रंजन व सीआरपीएफ डीआईजी हनुमत रावत समेत आयुक्त, डीसी अरवा राजकमल, एसपी इंद्रजीत माहथा के अलावा तीनों सीआरपीएफ बटालियन के कमांडेंट, उप कमांडेंट, सभी एसडीपीओ, थाना प्रभारी व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। सभी ने बारी-बारी से शहीदों के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण करते हुए सलामी दी।
डीआईजी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने शहीदों के पार्थिव शरीर को कंधा देकर वाहन पर चढ़ाया और उनके पैतृक गांव के लिए रवाना कर दिया।नक्सली हमले में मरे एसपीओ को भी शहीद का दर्जा देते हुए सम्मान दिया गया। इसके बाद डीआईजी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने शहीदों के पार्थिव शरीर को कंधा देकर वाहन पर चढ़ाया और उनके पैतृक गांव के लिए रवाना कर दिया। मौके पर दोनों शहीदों के परिजन भी मौजूद थे।
रोते बिलखते शहीद के परिजन।एसपीओ सुंदर स्वरूप महतो की पत्नी सुलोचना महतो ने बताया कि मेरे पति ही पूरे परिवार के एकमात्र सहारा थे। हम दोनों का एक बेटा व तीन बेटियां है जिनके सिर से पिता का साया उठ गया।उधर, डीआईजी ने कहा कि यह इलाका नक्सल ग्रस्त है। इस इलाके में नक्सल हमले की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान से नक्सली हताश हैं, लेकिन एक बार फिर से दहशत कायम करने के उद्देश्य से कायराना हरकत करते हुए ग्रामीणों को ढाल बनाकर पुलिस जवानों पर हमला किया। इससे हमारा मनोबल गिरने वाला नहीं हैं। नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाई जाएगी, जब तक नक्सिलयों का सफाया नहीं हो जाता। शहीदों की शहदत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के सफाया के लिए ग्रामीणों को आगे आना पड़ेगा। कोई भी ग्रामीण नक्सलियों को शरण नहीं दें। उन्हें उनके अंतिम अंजाम तक जल्द पहुंच जाएगा।
शहीद जवान लखिन्द्र मुंडा चाईबासा के झरझरा के रहने वाले थे।जबकि एसपीओ बंदगांव प्रखंड के ओटार गांव के रहनेवाले थे।
तीन माह के अंदर दोनों शहीदों के एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी
डीआईजी राजीव रंजन ने तीन माह के अंदर दोनों शहीदों के परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान किया। साथ ही शहीद होने पर मिलने वाली सारी सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए जिला व पुलिस प्रशासन को आवश्यक कार्यों के लिए प्रक्रिया को शुरू कर देने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान दोनों शहीदों के परिजनों को तत्काल 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई।