पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड के कई हिस्सों में “चक्रवाती तूफान यास” का असर बुधवार से दिखने लगा है। सुबह से कई क्षेत्राें में तेज बारिश हो रही है। ऐसे में पश्चिमी सिंहभूम जिले में बचाव और राहत कार्य के तहत पुलिस-प्रशासन की टीम भी सुबह से जुट गई है। जिले के डूब क्षेत्र को खाली कराने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। वहीं, लगातार बारिश और तेज हवा की वजह से घाटशिला के बहरागोड़ा स्थित बड़ागाड़िया पंचायत भवन के पास पीपल का पेड़ गिर गया। इससे बरागाड़िया पानीपड़ा मुख्य सड़क अवरुद्ध हो गया।
इधर, पदाधिकारियों द्वारा चाईबासा अंतर्गत रोरो नदी के किनारे बसे क्षेत्र गरीब बस्ती, लोहार बस्ती, तुरी टोला, जेवियर नगर, गांधी टोला पुराना चाईबासा के लोगों से संपर्क किया गया। यहां रह रहे लोगों को प्रशासन द्वारा चिन्हित सुरक्षित स्थानों पर बुधवार और गुरुवार को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की गई। वहीं, जगन्नाथपुर-जैंतगढ़ मेन रोड पर बेलपोसी गांव के पास सड़क के बीच एक विशालकाय पेड़ गिर गया। वहीं, झारखंड-ओडिशा सीमा क्षेत्र के वैतरणी नदी तट किनारे बसे विभिन्न गांव का निरीक्षण करते हुए बीडीओ ने लोगों से सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की है। साथ ही मुण्डुई, पुटगांव, पड़सा आदि गांव के कई लोगों को प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से विधालय व पंचायत के पक्के भवन में ठहरने की व्यवस्था की है।
चक्रवाती तूफान के मद्देनजर क्षेत्र में भारी बारिश के कारण नदी के तेज बहाव और निचले क्षेत्र में जलजमाव की आशंका को देखते हुए प्रशासन द्वारा शेल्टर हाउस के रूप में चाईबासा स्थित जेवियर विद्यालय को व्यवस्थित किया गया है।चक्रधरपुर क्षेत्र अंतर्गत बीडीओ और थाना प्रभारी द्वारा संजय नदी के आसपास डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अस्थायी शेल्टर हाउस के रूप में जवाहरलाल नेहरू कॉलेज, उर्दू मध्य विद्यालय एवं रानी रसाल विद्यालय में शरण लेने की बात कही गई। चक्रधरपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों को प्रशासन द्वारा संपर्क साध कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उन्हें सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है। वहीं, जानवरों को भी सुरक्षित जगहों पर भेजे जा रहे हैं। बता दें कि 18 अगस्त 2019 को आयी बाढ़ से नदी किनारों पर स्थित सैंकड़ों घर पानी में बह गए थे।
गुड़ाबांदा में 2051 लोगों को भेजा गया शेल्टर होम में
वहीं, गुड़ाबांदा ब्लॉक में 25 मई की देर शाम ही सबर परिवारों को और स्वर्णरेखा नदी तट पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित शेल्टर होम में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रखंड में कुल 2051 लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया है। रात में इनको भोजन उपलब्ध कराया गया। सुबह नाश्ते में मूड़ी, चुड़ा और गुड़ का प्रबंध किया गया है। हालांकि इतनी संख्या में बेड नहीं होने के कारण जमीन पर ही लोगों को रहना पड़ रहा है। वहीं, खरसावां में रात दो बजे से ही क्षेत्र में 40किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। साथ ही तेज बारिश ने लोगों को परेशान कर दिया है।