रांची: सचिवालय घेरने का प्रयास और उपद्रव, पत्थरबाजी, बवाल करने के मामले में मंगलवार की देर रात रांची के धुर्वा थाने में कार्यपालक दंडाधिकारी उपेंद्र कुमार के बयान पर मामला दर्ज किया गया. दरअसल, इस मामले में बीजेपी के पांच सांसद, तीन विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री सहित 41 नामजद व अन्य अज्ञात हजारों कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है. इन सभी के खिलाफ उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा, अपराध के लिए उकसाने व दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
दरअसल, कार्यपालक दंडाधिकारी ने अपनी शिकायत में बताया है कि 11 अप्रैल को बीजेपी का सचिवालय घेराव का कार्यक्रम घोषित था. इसके लिए रांची के उपायुक्त व एसएसपी ने संयुक्त रूप से दंडाधिकारी, अधिकारी व सुरक्षा बलों की तैनाती संबंधित आदेश जारी किया था. वहीं शांति व्यवस्था के लिए धुर्वा, गोलचक्कर से चांदनी चौक हटिया तक 11 अप्रैल की सुबह आठ बजे से रात के 11.30 बजे तक धारा 144 लगाया गया था. इसके बावजूद बीजेपी के सभी नामजद आरोपितों और अज्ञात कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग उखाड़ने व हटाने की प्रयास किया. साथ ही उपद्रव मचाने लगे, ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल व दंडाधिकारी को निशाना बनाते हुए बोतल फेंका और पत्थरबाजी की. पुलिस पदाधिकारी व जवानों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे बैरिकेडिंग तोड़कर सचिवालय जाने का प्रयास करते रहे.
इनके खिलाफ मामला दर्ज
सांसद संजय सेठ, सांसद निशिकांत दुबे, सांसद समीर उरांव, सांसद सुनील कुमार सिंह, सांसद अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक अमित मंडल, विधायक बाबूलाल मरांडी, विधायक विरंची नारायण सिंह, पांकी के श्यामनंदन ओझा, शत्रुघ्न सिंह, आरती कुजूर, जमशेदपुर के प्रदीप मुखर्जी, अनीता सोरेन, मुनचुन राय, उमेश यादव को आरोपी बनाया गया है.