नोएडा में 102 मीटर ऊंचाई वाले ट्विन टॉवरों को ढहाकर मुंबई की एडिफिस कंपनी ने इतिहास रच दिया। ये कंपनी अब इससे भी ज्यादा ऊंचाई वाली इमारत को ढहाने जा रही है। ये इमारत है झारखंड के जमशेदपुर में टाटा प्लांट की चिमनी। इस चिमनी की ऊंचाई करीब 110 मीटर है।
नवंबर 2022 में इसको गिराया जाना है। इसका जिम्मा भी एडिफिस कंपनी को मिला है। हालांकि टाटा स्टील की तरफ से अभी इस बारे में कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है कि इस चिमनी को कब और क्यों गिराया जाना है।
प्लांट से सिर्फ 35 मीटर दूर है चिमनी
मुंबई की एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने पुष्टि करते हुए कहा, ”नवंबर में टाटा स्टील प्लांट जमशेदपुर की 110 मीटर ऊंचाई वाली चिमनी गिराई जानी है। अभी तारीख तय नहीं हुई है। ये चिमनी प्लांट से सिर्फ 35 मीटर दूर स्थित है।”
“इसलिए चिमनी को गिराने में खास तरह की तकनीक अपनाई जाएगी, जिससे प्लांट को कोई नुकसान न पहुंचे। ट्विन टॉवर का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अब हमारा पूरा फोकस जमशेदपुर प्लांट के चिमनी प्रोजेक्ट पर रहेगा।”
ट्विन टॉवर गिराने में अपनाई गई इम्प्लोजन तकनीक
नोएडा में 102 मीटर ऊंचाई वाले ट्विन टॉवरों को गिराने के लिए एडिफिस कंपनी ने एम्प्लोजन तकनीक अपनाई थी। इस तकनीक का इस्तेमाल रिहाइशी इलाकों में ऊंची इमारतों को गिराने के लिए किया जाता है। इम्प्लोजन ऐसा विस्फोट है, जिसके बाद सारी चीजें अंदर की तरफ सिमट जाएं।
ट्विन टॉवर महज 9 सेकेंड में धराशायी हो गए। सबसे खास बात ये रही मलबा चारों तरफ न फैलकर टॉवर के बेसमेंट की तरफ ही गया। हालांकि मलबे का ऊंचा ढेर जरूर लग गया, लेकिन आसपास की इमारतों को खास नुकसान नहीं पहुंचा।
साउथ अफ्रीका से आए इंजीनियर लौटे
ट्विन टॉवर को गिराने का जिम्मा नोएडा अथॉरिटी ने मुंबई की एडिफिस कंपनी को दिया था। एडिफिस ने इस काम में साउथ अफ्रीका की जेट डिमोलिशन कंपनी को भी साथ लिया।
दुनिया के जाने-माने ब्लास्टर जो. ब्रिंकमैन और भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता अपनी टीम के साथ मौजूद रहे। ट्विर टॉवर ध्वस्त होने के बाद साउथ अफ्रीका से टीम लेकर आए जो. ब्रिंकमैन लौट गए हैं। जबकि एडिफिस कंपनी के इंजीनियर अभी मलबा साफ करने में लगे हुए हैं।