शहर के मंदिरों में पहली बार मंगलवार को बिना श्रद्धालुओं के बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। कुछ जगहों पर मंगलवार तो कहीं बुधवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। वहीं, वैष्णवजन बुधवार को उत्सव मनाएंगे। इधर, कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिरों के पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है। एक-दो श्रद्धालु मंदिर आ भी रहे हैं तो बाहर से भगवान के दर्शन कर उन्हें जाना पड़ रहा है।
वहीं, रातू रोड स्थित राधाकृष्णा मंदिर में भागवत गीता का पाठ किया जा रहा है। पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है। सुबह भगवान का विशेष श्रृंगार कर आरती की गई। हालांकि इस बार जन्मोत्सव बिना भक्तों के ही मन रहा है। मंदिरों में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित है। शहर में हर साल निकलने वाली शोभायात्रा और मटकी फोड़ का आयोजन कोरोना के चलते निरस्त कर दिया गया है।
रांची में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर अपर बाजार, डोरंडा में कृष्णा नगर कॉलोनी के श्री राधाकृष्ण मंदिर, श्री शिव मंदिर महाबीर मंदिर, पुरुलिया रोड स्थित श्री राम मंदिर में जन्माष्टमी का भव्य आयोजन किया जाता है। श्री श्याम मित्र मंडल के अध्यक्ष गोपाल मुरारका ने बताया कि बुधवार को श्री खाटूधाम की परंपरा अनुसार प्रभु को स्नान कराया जाएगा। महामंत्री आनंद शर्मा ने बताया कि प्रभु का स्वागत पूर्व की भांति ही सभी अनुष्ठानों के साथ किया जाएगा।
धनसार लक्ष्मी नारायण मंदिर: यहां न लगेगा मेला और न ही निकलेंगी झांकियां
इधर, धनबाद स्थित धनसार लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी नंद कुमार पाठक और रवि पाठक का कहना है कि महामारी के कारण इस बार मंदिर में औपचारिक ताैर पर भगवान श्रीकृष्ण जन्माेत्सव मनाया जाएगा। मंदिर के पुजारी और पांच लाेग मिलकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर भगवान का जन्माेत्सव मनाएंगे।