रांची। रिम्स में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म का प्रयास करने वाले सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अरुण कुमार मौर्य ने मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने चिकित्सक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पीड़िता ने बीते 28 मई को आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास का मामला बरियातू थाने में दर्ज कराई थी। इसमें बताया है कि बीते 28 मई की रात करीब 12 बजे एक पेशेंट की देखरेख में आरोपित के साथ मौजूद थी। ड्यूटी समाप्त कर कमरे में जाने के बाद आरोपित डॉ. अरुण कुमार मौर्या ने दुष्कर्म का प्रयास किया। बताया जाता है कि पुलिस की दबिश के कारण आरोपित ने सरेंडर किया है। आरोपित की गिरफ्तार के लिए जूनियर डॉक्टरों द्वारा लगातार पुलिस के समक्ष प्रदर्शन किया जा रहा था।
28 मई काे दर्ज कराई थी एफआइआर
पीड़िता ने बीते 28 मई को आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास का मामला बरियातू थाने में दर्ज कराई थी। जिसमें बताया है कि बीते 28 मई की रात करीब 12 बजे एक पेशेंट को देखरेख में आरोपित के साथ मौजूद थी। ड्यूटी समाप्त कर कमरे में जाने के बाद आरोपित डॉ. अरुण कुमार मौर्या ने दुष्कर्म का प्रयास किया था। एक मरीज को कोविड आइसीयू से कार्डियोलॉजी विभाग में शिफ्ट करने के बाद आरोपित डॉ. अरुण मौर्या ने कहा था कि उसका घर बंद हो गया है और गार्ड कॉल नहीं उठा रहा है। इसलिए वह साथ रहेगा। इसपर जूनियर डॉक्टर ने आपत्ति जताई और सिस्टर इंचार्ज से बातचीत कर पेइंग वार्ड के चौथे तल्ले के डी-15 में डॉ. अरुण के लिए रूम दिलवाया गया। जबकि जूनियर डॉक्टर उसी वार्ड के डी-19 में रुकी थी।
पानी मांगने के बहाने कमर में शुरू कर दी थी गलत हरकत
इस दौरान आरोपित डॉक्टर ने पीडि़ता को कॉल किया और कहा कि तुम्हारा रूम दिखाओ। इसके बाद वह रूम पहुंच गया, पानी नहीं रहने की बात कह पानी का बोतल मांगा और गलत हरकत शुरू कर दी थी। किसी तरह वहां से भागी और अपने सीनियर को इसकी जानकारी दी। इसबीच आरोपित मौके से फरार हो गया। इसके बाद छात्रा ने इसकी शिकायत रिम्स डायरेक्टर से की। इसके बाद गुरुवार को मामले की सूचना बरियातू थाने की पुलिस को सूचना दी गई थी।