धनबाद : रेलवे ठेकेदार इरफान खान की हत्या के मामले में शनिवार को एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार मिश्रा की अदालत ने आरोपी गैंग्स ऑफ वासेपुर के सरगना फहीम खान, इकबाल खान, सोनू उर्फ नसीम, मंसूर खान शाहिद कमर एवं सोना कुरैशी को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया फहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था। वहीं अन्य आरोपी हाजिर थे। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शाहबाज सलाम ने पैरवी की। फहीम फिलवक्त सागीर हत्याकांड में रांची के होटवार जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
11 मई 2011 दिन के 12 बज रहे थे। रेलवे ठेकेदार इरफान खान डीआरएम ऑफिस धनबाद में टेंडर्स मे डालने आया था जहां सरेआम गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी। इरफान के पुत्र अमीर खान के फर्द बयान पर फहीम, मंसूर, इकबाल समेत अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी धनबाद थाना कांड संख्या 354/11 दर्ज की गई थी। 31 जनवरी 15 को अनुसंधानक योगेन्द्र सिंह ने उपरोक्त लोगों के विरुद्ध निचली अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। आरोप पत्र में पुलिस ने दावा किया था कि जेल में बंद फहीम खान रेलवे के टेंडर को मैनेज करता था। जिसकी बात इरफान नहीं मानता था।
जमीन कारोबार में भी इरफान से फहीम व उसके गुर्गों ने रंगदारी की मांग की थी। नहीं देने पर बुरी परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। वर्ष 2011 में इरफान को 24 लाख रुपये का टेंडर रेलवे से मिला था। फहीम तथा उसके गुर्गों ने 5 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी जिसे इरफान ने देने से इंकार कर दिया था। इसी कारण उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने फहीम व उसके भाई नसीम को षड्यंत्रकारी बताते हुए अनुसंधान के बाद फहीम खान, पुत्र इकबाल खान, फहीम के भाई नसीम ऊर्फ सानो खान, मनसूर खान, शाहिद कमर एवं सोना कुरेशी के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था।