रांची: सोमवार को लेह-लद्दाख से संताल परगना के 55 प्रवासी मजदूर 09:50 बजे इंडिगो के विमान से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट टर्मिनल के बाहर निकलते ही प्रवासी मजदूरों ने राज्य सरकार का धन्यवाद किया। मजदूरों के स्वागत के लिए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख व पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। उन्होंने प्रवासी मजदूरों से उनका हालचाल पूछा और भोजन का पैकेट व मुख्यमंत्री सुरक्षा किट देकर उनका स्वागत किया।
मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर सुखद अनुभव रहा। जब तक इस राज्य का अंतिम मजदूर अपने घर तक वापस नहीं लौट जाता, तब तक गठबंधन की सरकार प्रतिबद्ध होकर काम करती रहेगी। मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने से लेकर रोजगार देने तक का काम किया जाएगा। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की भावनाओं का हम सम्मान करते हैं। अब इन मजदूरों को अपने राज्य में ही इज्जत की रोटी व सम्मान मिलेगा। जिस एजेंसी ने इन मजदूरों को ठगने का काम किया है, उसपर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगी। बताया कि मंगलवार की शाम एयर एशिया व इंडिगो के विमान से लगभग सौ प्रवासी मजदूर लेह-लद्दाख से लौटैंगे।
प्रवासी मजूरों के लिए यादगार बना हवाई यात्रा
लेह लद्दाख से लौटे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे लगभग आठ माह पूर्व काम व रोजी-रोटी की तलाश में लेह गए थे। कुछ मजदूरों ने बताया कि वे पहले भी हवाई यात्रा कर चुके हैं। हालांकि जिन प्रवासी मजदूरों ने पहली बार विमान से यात्रा की, उनके लिए यह पल यादगार बन गया। पाकुड़ के प्रवासी मजदूर मुक्ति लाल महली ने बताया कि जब रांची से लेह के लिए निकले थे, तो ट्रेन व बस से यात्रा करनी पड़ी थी। लॉकडाउन में भी यही उम्मीद लगाए बैठे थे कि फिर बस व ट्रेन के सहारे ही अपने घर पहुंचेंगे।
हालंकि राज्य सरकार ने उन्हें ऐसी सुविधा दी कि लेह से रांची व रांची से अपने घर लौटने के लिए एक रुपये खर्च नहीं हुए। बताया कि उनके पास 21 हजार रुपये भी हैं, जिसे हर माह मिलने वाले पैसे में से बचाया है। विमान से घर वापसी हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी की बात है। दुमका के प्रवासी मजदूर जवाहर लाल हांसदा ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में उन्हें मात्र 10 हजार रुपये मिलते थे। दुमका के प्रवासी मजदूर अमजद अंसारी ने बताया कि आठ माह पूर्व ट्रेन से लेह में सड़क निर्माण का काम करने गए थे