रांची : राज्य में बंद पड़े कपड़े और जूते-चप्पल की दुकानों को खोलने का निर्देश राज्य सरकार ने दे दिया है. सभी दुकानें कंटेनमेंट जोन के बाहर के इलाकों में खोली जायेंगी. शुक्रवार से इन दुकानों को खोल दिया जायेगा.
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन (अनलॉक-1) के दौरान कई क्षेत्रों को खोलने का निर्देश दिया था. इसमें धार्मिक स्थलों सहित कपड़े और जूते-चप्पल की दुकानों, निजी बसों के परिचालन शामिल था.
इसके उलट राज्य में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों को देख हेमंत सरकार ने इन्हें बंद रखने का ही फैसला किया था. बाद में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने अपनी परेशानी बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राहत देने की भी मांग की थी.
कई जिलों में व्यवसायियों ने सरकार के निर्देश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था. रांची वस्त्र विक्रेता संघ काे एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री से मिल राहत देने की बात की थी.
जेएमएम ने की थी गतिविधियों को सामान्य करने की मांग
व्यवसायियों की परेशानी को देखते हुए जेएमएम प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी बीते शुक्रवार को कहा था कि राज्य में गतिविधियां सामान्य होनी चाहिए. इसके लिए बंद संस्थानों और दुकानों को खोला जाना बेहतर होगा.
एक प्रोटोकॉल बना कर सतर्कता और विशेष निगरानी में कपड़े व जूते-चप्पल की दुकानें खोली जानी चाहिए. साथ ही निजी बसों का परिचालन भी शुरू किया जाना चाहिए.
तीन माह से बंद होने से 1200 करोड़ से अधिक का नुकसान
व्यवसासियों का कहना है कि तीन माह के लॉकडाउन के दौरान कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है.
राजधानी समेत पूरे राज्य में कपडे से जुड़ी करीब 80,000 तक दुकानें है. हर साल इस व्यवसाय से करीब 5000 करोड़ तक कारोबार होता है. बात अगर लॉकडाउन लगे केवल तीन माह की ही करें, तो 1200 करोड़ से अधिक के आर्थिक नुकसान का अनुमान है.