मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मंगलवार को 40 सदस्य सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस के साथ भेंट कर 1932 खतियान तथा आरक्षण विधेयक शीघ्र अग्रतर कार्रवाई हेतु भारत सरकार को भेजने हेतु आग्रह किया। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि झारखण्ड हितैषी नीतियों पर हमेशा कुठाराघात हुआ है। इन विधेयकों को 9वीं अनुसूची में शामिल करने से इन्हें संवैधानिक कवच मिलेगा। उन्होने कहा कि ऐसा नहीं की नियोजन नीति पहली बार रद्द हुआ हो पहले भी कई बार रद्द हुआ है । श्री सोरेन ने कहा कि कुछ ऐसी शक्तियाँ हैं राज्य में जो मूलवासियों आदिवासियों के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही हैं । उन्होने कहा कि हाईकोर्ट में इस नियोजन नीति पर आपत्ति जताने वालों में एक को छोड़कर बाकी सभी लोग दूसरे राज्य के थे । झारखंड की नियोजन नीति से दूसरे राज्यों के लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है । मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई अन्य राज्यों में भी इस प्रकार के नियोजन की व्यवस्था है । श्री सोरेन ने युवाओं को भरोसा दिलाया की वे निराश न हो सरकार को उनकी चिंता है , सरकार नियुक्तियों को लेकर वैकल्पिक रास्ता निकालने पर जल्द निर्णय लेगी ।
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