दुमका: जिले के प्राईवेट स्कूल संचालकों द्वारा छात्रावास में बालकों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी जा रही है। अभिभावक बच्चों को होस्टल में डाल दे रहे हैं और बच्चा वहां से भाग जा रहा है जिस दौरान चौथी मंजिल से कूद कर भागने के दौरान एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है। इस बार डिसेंट स्कूल के होस्टल से एक बच्चा भाग गया। राहत की बात यह रही कि वह पुलिस को मिल गया अन्यथा बच्चा चाइल्ड ट्रैफकिंग या दुर्घटना का शिकार हो सकता था। बाल कल्याण समिति ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है। समिति ने जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) को ऐसे सभी प्राईवेट स्कूलों की जांच का निर्देश दिया है जहां होस्टल का संचालन किया जाता है। दुमका की मुफस्सिल थाना पुलिस ने गुरूवार की रात एक 7 वर्षीय बालक को बाल कल्याण समिति के सदस्य रंजन कुमार सिन्हा के आवास पर प्रस्तुत किया। यह बालक पुलिस को पुसारो के पास भटकता हुआ मिला था। इस बालक को लेने के लिए डिसेन्ट स्कूल के प्राचार्य सीडब्ल्यूसी सदस्य के आवास पर पहुंचे और बताया कि बालक उनके होस्टल में रहता था और वहां से भाग गया है। बालक के घंटों तक स्कूल से गायब रहने के बावजूद स्कूल प्रबंधन द्वारा इस बारे में थाना में सनहा (स्टेशन डायरी) तक दर्ज नहीं करवाया गया था इसलिए समिति ने बालक को उसके माता-पिता को सौंपने का निर्णय लेते हुए उसे बक्सीबांध में स्थित बालगृह (बालक) में आवासित कर दिया। शुक्रवार को बाल कल्याण समिति के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने इस मामले की सुनवाई की। बालक को बालगृह के प्रभारी द्वारा प्रस्तुत किया गया जबकि उसकी मां भी समिति के समक्ष हाजिर हुई। बच्चे ने कहा कि वह स्कूल नहीं बल्कि अपने घर जाना चाहता है। जरमुण्डी थाना क्षेत्र में रहनेवाली उसकी मां ने अपने बयान में बताया कि एक माह पूर्व उसने 3000 रुपये फी जमा कर अपने एकलौते बेटे का फसिया डंगाल स्थित डिसेन्ट स्कूल में नर्सरी कक्षा में नामांकन करवाया है जहां वह होस्टल में पढ़ाई कर रहा था। 6 अप्रैल के शाम 7 बजे विद्यालय के प्राचार्य ने फोन कर बताया कि उसका बेटा स्कूल से गायब है। एक घंटे बाद प्राचार्य ने बच्चे के मिल जाने और उसके बाल कल्याण समिति के संरक्षण में रहने की जानकारी दी। उसने कहा कि वह अपने बेटे को घर में ही रखकर पढ़ायेगी, उसे होस्टल नहीं भेजेगी। समिति ने वचनबंध लेकर मां के साथ बालक को घर भेज दिया। इस मामले में समिति ने जिला शिक्षा अधीक्षक को डिसेन्ट स्कूल समेत होस्टल का संचालन करनेवाले सभी स्कूलों में छात्रावास में बालकों के सुरक्षा एवं अन्य जरूरी व्यवस्थाओं की जांच करते हुए कार्रवाई करने और कृत कार्रवाई से समिति को अवगत कराने का निर्देश दिया है।
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