रांची. झारखंड प्रवासी मजदूरों को एयर लिफ्ट कराने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. मजदूरों की मुफ्त यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर राज्य सरकार ने आज लेह के बटालिक से 60 मजदूरों को एयर लिफ्ट कराया. इन्हें पहले रांची लाया जाएगा, फिर यहां से दुमका भेजा जाएगा. ये सभी मजूदर दुमका के रहने वाले हैं और लेह के बटालिक सेक्टर में बीआरओ प्रोजेक्ट में काम करते थे.
लेह में फंसे दुमका के मजदूरों ने टि्वटर पर सीएम हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने लद्दाख प्रशासन से इन मजदूरों को सहायता करने का आग्रह किया. इस बीच झारखंड कंट्रोल रूम के द्वारा इन मजदूरों से संपर्क साध कर इन सभी का राज्य पोर्टल और ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया गया. उधर, हेमंत सोरेन के आग्रह पर बीआरओ की तरफ से इन मजदूरों को नियमित रूप से भोजन दिया गया.
12 मई से शुरू हुई कवायद
12 मई को झारखंड के चीफ सेक्रेटरी ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर राज्य सरकार को अंडमान, लद्दाख और उत्तर पूर्वी राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को अपने खर्च पर एयर लिफ्ट कराने की अनुमति मांगी. लेकिन केंद्र से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसके बाद 20 मई को सीएम हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर लद्दाख, अंडमान में फंसे मजदूरों को एयर लिफ्ट कराने की अनुमति मांगी. पांच दिन बीतने के बाद केंद्र सरकार की ओर से कॉमर्शियल फ्लाइट की सेवा को मंजूरी दी गई. जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन के प्रयास पर दुमका के गोर्गोडोह गांव के रहने वाले 60 मजदूरों को एयर लिफ्ट कर वापस लाया जा रहा है.
शाम में पहुंचेंगे रांची
28 मई को सभी 60 श्रमिकों की थर्मल जांच की गई. फिर सड़क मार्ग से बीआरओ से लेह पहुंचाया गया. 29 मई को दोपहर 12 बजे ये लोग स्पाइस जेट की फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे, और दोपहर 2 बजे दिल्ली पहुंचेंगे. आगे इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली से रांची के लिए उड़ान भरेंगे और शाम 6 बजे रांची पहुंचेंगे. इन 60 मजदूरों को एयर लिफ्ट कराने में सरकार को लगभग 8 लाख का खर्च आया है.
अब तक 4 लाख मजदूरों की वापसी
बता दें कि झारखंड के 7.5 लाख श्रमिकों में से लगभग 4 लाख प्रवासियों की अब तक घर वापसी हो चुकी है. मजदूरों को ट्रेनों और बसों से राज्य सरकार वापस ला रही है. अब झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जो प्रवासियों को दुर्गम स्थान से अपने खर्च पर एयर लिफ्ट करा रही है. आगे अंडमान से लगभग 320 श्रमिकों को एयर लिप्ट कराने की तैयारी है.