डालटनगंज: उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के सबजोनज कमांडर अनिल भुइयां उर्फ प्रकाश जी उर्फ जय प्रकाश जी उर्फ ओमप्रकाश, पिता कपिल भुइयां ने मंगलवार को पलामू एसपी कार्यालय में आत्मसर्मपण कर दिया। एसपी कार्यालय में आयोजित एक सादे समारोह में अनिल भुइयां ने एक देशी कट्टा एवं दो 315 बोर की दो गोली के साथ सरेंडर किया।
मौके पर सीआरपीएफ 134 पलामू बटालियन के समादेष्टा सुदेश कुमार तथा सीआरपीएफ 172 बटालियन गढ़वा के समादेष्टा नृपेन्द्र कुमार सिंह मौजूद थे। अनिल भुइयां चैनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम डोकरा, टोला सेमरहट का रहने वाला है। उसके खिलाफ हुसैनाबाद में एक और चैनपुर थाना में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें चिमनी भट्ठो के मालिकों से रंगदारी, पुलिस बल पर फायरिंग एवं अवैध हथियार बरामद होने, वाहन जला देने आदि शामिल है।
जेजेएमपी सबजोनल कमांडर अनिल भुइयां के सरेंडर को पलामू पुलिस बड़ी सफलता मान रही है। जिले के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस अभियान के कारण नक्सली एवं उग्रवादी संगठन कमजोर हो रहे हैं और उसके कैडर लगातार आत्मसर्मपण करने लगे हैं। जयप्रकाश पलामू के हुसैनाबाद, चैनपुर, रामगढ़ समेत कई इलाकों में सक्रिय रहा है। कई बड़ी घटनाओं का आरोपी रह चुका है, उसे झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत लाभ दिया जायेगा।
जमीन विवाद के बाद बना था उग्रवादी
अनिल भुइयां जमीन विवाद के बाद उग्रवादी बन गया था। करीब 6 वर्ष पहले झारखंड जनमुक्ति परिषद के कैडर के संपर्क में आया था, जिसके बाद वह इस संगठन में शामिल हो गया। एसपी ने कहा कि करीब 5 वर्ष तक अनिल भुइयां जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहरा के दस्ते में रहा। इसके बाद रामसुदंर भुइयां के दस्ते में शामिल हो गया। रामगढ़ थाना क्षेत्र में जिस समय रामसुंदर का उसके साथी उग्रवादियों के साथ भिड़त हुई, उस समय अनिल भुइयां वहां मौजूद था। इसके बाद वह सीआरपीएफ के संपर्क में आया और फिर सरेंडर करने का मन बनाया। एसपी ने कहा कि सीआरपीएफ के पदाधिकारियों से प्रभावित होकर जेजेएमपी सबजोनल कमांडर का सरेंडर यह साबित करता है कि सीआरपीएफ सही दिशा में कार्य करती है।